माफ़ी आज़ादी है
आपके ज़िंदगी में सबसे मुश्किल काम कौन सा रहा है? हो सकता है कि आपको कुछ चुनौतीपूर्ण काम या बड़ी कामयाबियाँ याद आएं, लेकिन मेरे लिए सबसे मुश्किल काम था उन लोगों को माफ़ करना जिन्होंने मुझे सबसे ज़्यादा चोट पहुँचाई थी। मेरे ज़िंदगी में कुछ ऐसे लोग हैं जिन्होंने मुझे गहरा घाव दिया था और उन गुनाहों को माफ़ करना आसान नहीं था।
क्या आपके साथ भी कभी ऐसा हुआ है? या शायद किसी और के साथ जिसे आप जानते हो?
बाइबल हमसे कहती है कि हमें दूसरों को माफ़ करना चाहिए:
"यदि किसी को किसी के विरुद्ध कोई शिकायत है तो एक दूसरे की सह लो, और एक दूसरे को क्षमा करो। जैसे प्रभु ने तुम्हें क्षमा किया, वैसे तुम भी करो।" – कुलुस्सियों ३:१३
किसी को माफ़ करने से, हम उसपर या ख़ुदा पर कोई एहसान नहीं कर रहे हैं। ख़ुदा ने ये आदेश हम सबके फायदे के लिए ही दिया है।
आप सोच रहे हो, ‘वो मेरे माफ़ी के लायक नहीं है; जो उसने किया उसे मै माफ़ नहीं करूँगा!!’ और शायद आप सही हो। लेकिन फिर भी उसे माफ़ करना ज़रूरी है। क्यों? क्योंकि उसे माफ़ करने से आपको आज़ादी मिलेगी!
"माफ़ ना करना ऐसा है जैसे खुद जहर पीकर दूसरे इंसान के मरने का इंतज़ार करना।" - मॅरियान विलियमसन
अपराध आपके दिल में बुराई के बीज के समान होता है। अगर आप उसे पकड़ कर रखते हो, तो वह जड़ पकड़ लेगा, और उसके साथ कड़वाहट, गुस्सा और नफ़रत आपके ज़िंदगी में उगने लगेगी। लेकिन जब आप माफ़ी करने के लिए चुनते हो, तो आप उन बुराई के जड़ों को उखाड़ फेंकते हो और ख़ुदा आपके दिल में अच्छे चीजों को उगाने का मौका देता है।
यह सिर्फ बाइबिल का ही ज्ञान नहीं है; यह एक मनोवैज्ञानिक सिद्धांत भी है।। अध्ययन करने से पता चला है कि माफ़ी करने से हमारी मानसिक और जिस्मानी सेहत बेहतर बन सकती है – यह एक चमत्कार है!
दोस्त , मैं आपसे एक गुज़ारिश करना चाहता हूँ कि उन लोगों की और उनके गुनाहों की एक सूचि बनाओ जिन्होंने आपको चोट पहुँचाई है, खासकर जिनको आप अब तक माफ़ नहीं कर सके। आने वाले दिनों में, हम साथ मिलकर माफ़ी की तरफ़ कदम बढ़ाएंगे। हो सकता है कि अभी ये नामुमकिन लगे, लेकिन मेरा यकीन करे, यह वाकई में फायदे की बात है!