दूसरों के साथ मेहरबान और रहमदिल पेश आओ और मसीह में ख़ुदा की माफ़ी ज़ाहिर करो। इफिसियों

अक़्सर कई भारतियों के मुक़ाबले, कॅमरॉन को देर से आना पसंद नहीं है। इस मायने में, मैं उससे ज़्यादा देसी हूँ। 🤭 हमारी शादी के शुरुआती दिनों में, इस फ़र्क़ की वजह से काफ़ी बहस हुईं। तब से मैंने मुझमे काफ़ी सुधार किया है, लेकिन कॅमरॉन को फिर भी मेरे देर से आने की ग़लती को अनगिनत बार माफ़ करना पड़ा हैं।
दोस्त , क्या आपने कभी किसी को बार-बार एक ही ग़लती के लिए माफ़ किया है? अगर आप शादीशुदा हैं या आपके बच्चे हैं, तो आपको शायद इस एहसास का अंदाज़ा होगा। 😉
यीशु मसीह ने पतरस को माफ़ी के बारे में एक दिलचस्प हिसाब दिया:
"तब पतरस ने पास आकर उस से कहा, “हे प्रभु, यदि मेरा भाई अपराध करता रहे, तो मैं कितनी बार उसे क्षमा करूँ? क्या सात बार तक?” यीशु ने उससे कहा, “मैं तुझ से यह नहीं कहता कि सात बार तक वरन् सात बार के सत्तर गुने तक।" – मत्ती १८:२१-२२
जैसे हम इस हफ़्ते "रब दा हिसाब" सीरिज पर गौर करते हैं - ऐसे हिसाब जो इंसानी विचारों को चुनौती देते हैं—यह पतरस की कहानी एक बेहतरीन मिसाल है। सोचिए, क्या कोई आपको ७० × ७ = ४९० बार नाराज़ कर सकता है? हालाँकि, मेरी कहानी में कॅमरॉन को इंतज़ार करवाने में, शायद मैं ४९० के क़रीब आयी हूँ। 🙈 अगर किसी इंसान को ४९० बार माफ़ करना भी पड़ा तो यह बहुत ज़्यादा कम होगा, हैं न? कुछ अनुवादों में इसे सतत्तर बार कहा गया है।"यीशु मसीह हमें यह नहीं कह रहा हैं कि आपने हर शख्स को कितनी दफ़ा माफ़ किया है, इसका हिसाब रखें, बल्कि वह हमें माफ करने का एक निरंतर और बे-रोक रवैया अपनाने की तालीम दे रहा हैं।"
बार बार ग़लतियाँ करना इंसानी आदत हैं लेकिन उसे बार बार माफ़ करना, ख़ुदा की फ़ितरत हैं। इसी तरह, हमें भी दूसरों को माफ़ करने का एक बे रोक रवैया अपनाना चाहिए।
"सब प्रकार की कड़वाहट, और प्रकोप और क्रोध, और कलह, और निन्दा, सब बैरभाव समेत तुम से दूर की जाए। एक दूसरे पर कृपालु और करुणामय हो, और जैसे परमेश्वर ने मसीह में तुम्हारे अपराध क्षमा किए, वैसे ही तुम भी एक दूसरे के अपराध क्षमा करो।" – इफिसियों ४:३१ -३२
दोस्त , क्या कोई ऐसा है जिसे आज आपकी माफ़ी की ज़रूरत है? क्योंकि उन्हें माफ़ करने से आपको ख़ुदा से बरक़त हासिल हो सके।

