हमारे ज़िंदगी की हर जीत का श्रेय सिर्फ़ ख़ुदा को ही देना चाहिए

इस हफ़्ते हम "रब दा हिसाब" सीरीज को और गहराई से समझने को कोशिश करेंगे — वो बातें जो ख़ुदा हमसे करने को कहता हैं, जो हमारी समझ से परे हैं लेकिन उसके हिसाब से बिलकुल मुनासिब हैं।
आज हम, गिदोन और उसकी फ़ौज की उलझन से भरी कहानी पर गौर करेंगे।
दोस्त ,अगर मैं आपसे कहूँ कि जंग की तैयारी करें, तो क्या आप सबसे बड़ी फ़ौज इकट्ठा करने की कोशिश नहीं करेंगे? ख़ास तौर पर जब आपकी तुलना में दुश्मनों की संख्या ज़्यादा हैं?
न्यायियों ७ में हम गिदोन और उसकी फ़ौज की कहानी पढ़ते हैं, जो उनसे भी एक ताक़तवर दुश्मन के ख़िलाफ़ मुक़ाबले के लिए तैयार हो रहे थे:
“मिद्यानी और अमालेकी और सब पूर्वी लोग तो टिड्डियों के समान बहुत से तराई में फैले पड़े थे; और उनके ऊँट समुद्र तट की बालू के किनकों के समान गिनती से बाहर थे।” – न्यायियों ७:१२
आप सोचेंगे कि ऐसे वक़्त में ख़ुदा कोई चमत्कार करके फ़ौज की संख्या को बढ़ा देगा, है ना? लेकिन “रब दा हिसाब” कुछ और ही था। ख़ुदा ने गिदोन से कहा:
“जो लोग तेरे संग हैं वे इतने हैं कि मैं मिद्यानियों को उनके हाथ नहीं कर सकता, नहीं तो इस्राएली यह कहकर मेरे विरुद्ध अपनी बड़ाई मारने लगेंगे कि हम अपने ही भुजबल के द्वारा बचे हैं।”– न्यायियों ७:२
ख़ुदा ने गिदोन की फ़ौज को ३२,००० से घटाकर सिर्फ़ ३०० कर दी - लेकिन फिर भी उन्होंने जीत हासिल की।
यह कहानी हमें याद दिलाती है कि ख़ुदा के लिए कुछ भी नामुमकिन नहीं है और हमारे ज़िंदगी की हर जीत का श्रेय केवल उसी को देना चाहिए।
दोस्त , क्या आप इस वक़्त किसी मुश्किल दौर का मुक़ाबला कर रहे हैं जहाँ ऐसा लग रहा हैं की ख़ुदा मदद करने के बजाय, कही नज़र नहीं आ रहा हैं? दोस्त , ‘रब दा हिसाब’ पर यक़ीन रख - वो आपको भूला नहीं है! गिदोन की तरह, वो आपके सारे कमियों के बावजूद, क़ामयाबी लाएगा।
आइए, मिलकर दुआ करें:
"ऐ आसमानी पिता, तू जानता है कि मैं किन हालातों से गुज़र रही हूँ और मुझे यक़ीन है कि तूने पहले से ही इससे पार जाने का रास्ता तैयार कर दिया है। उन अनगिनत क़ामयाबियों के लिए मैं तेरी शुक्रगुज़ार हूँ और मैं अगली जीत देखने के लिए बेक़रार हूँ! यीशु मसीह के नाम से, आमीन।"

