हे यहोवा, मैं अपने मन को तेरी ओर उठाता हूँ

क्या आपके पास साल २०२५ के लिए कोई ख़ास लफ़्ज़, आयत या वाक्य है?
हर साल के आख़िर में, ख़ुदा अकसर मुझे आनेवाले साल के लिए कुछ कहता हैं - कभी यह किसी उपदेश या कोई ख़ास आयत या दुआ के ज़रिए कहता है। साल २०२५ के लिए, मेरा दिल मुझे भजन संहिता २५ की तरफ़ खिंच रहा हैं। पिछले ३ महीनों से, मैं इस भजन संहिता पर मनन कर रहा हूँ और इस हफ़्ते, मैं आपके साथ अपने कुछ ख़यालों को बाँटना चाहता हूँ।
आज हम भजन संहिता २५:१-३ आयतों को नज़दीक़ी से देखेंगे।
“हे यहोवा, मैं अपने मन को तेरी ओर उठाता हूँ। हे मेरे परमेश्वर, मैं ने तुझी पर भरोसा रखा है, मुझे लज्जित होने न दे; मेरे शत्रु मुझ पर जयजयकार करने न पाएँ। वरन् जितने तेरी बाट जोहते हैं उन में से कोई लज्जित न होगा; परन्तु जो अकारण विश्वासघाती हैं वे ही लज्जित होंगे।”
"मैं अपने मन को तेरी ओर उठाता हूँ।" ये एक ख़ूबसूरत दुआ की शुरुआत है। जिस मन में शक और डर का बसेरा होता हैं उसी मन में ईमान और यक़ीन करने की ताक़त भी बसती हैं और ये दोनों एक साथ मौजूद हो सकते हैं।
एक तरफ़ दाऊद कहता हैं, "हे मेरे परमेश्वर, मैं ने तुझी पर भरोसा रखा है " मगर साथ ही वह यह भी ज़ाहिर करता हैं कि उसे लज्जित होने और शत्रुओं का उन पर ख़ुश होने का डर है।
ख़ुदा पर यक़ीन करने का मतलब यह नहीं कि आपको कभी डर महसूस नहीं होगा, बल्कि इसका मतलब यह है कि आपके पास अपने मन और उससे जुड़ी हर एक बात, चाहे वो अच्छी, बुरी या भयानक हो - उसे ख़ुदा के हवाले करने का चुनाव है।
दोस्त , मैं आपको प्रोस्ताहित करता हूँ कि इस हफ़्ते हर दिन भजन संहिता २५ को अपने और अपने घरवालों के लिए पढ़ें। मैं आख़री आयत में अपने परिवार का नाम जोड़ कर इस दुआ को पढ़ता हूँ:
"हे परमेश्वर, मेंडीस परिवार को उनके सारे संकटों से छुड़ा ले। " अभी, आप भी ऐसा कर सकते हैं और मैं आपके लिए यह दुआ करूँगा: "हे परमेश्वर, दोस्त , को उसके सारे संकटों से छुड़ा ले!"

