बड़ी तैयारी बड़ी योजनाओं के साथ आती है

इंतज़ार करने के दो तरीके होते हैं: एक होता है सक्रिय और दूसरा निष्क्रिय।
हमारे बेटे के जन्म का इंतज़ार एक सक्रिय इंतज़ार था। हमने खुद को और घर को तैयार किया, ज़रूरी चीज़ों की ख़रीदारी की, बच्चे के कपड़े लिए, डिलीवरी के बारे में जानकारी ली, बच्चे का बिस्तर लगाया और अस्पताल में सारा इंतज़ाम किया।
लेकिन जब मैं कही जाने के लिए बस या ट्रेन का इंतज़ार करती हूँ, तो वो निष्क्रिय होता है – वक़्त काटने के लिए, ज़्यादातर फोन पर स्क्रॉल करती हूँ या कोई गाना सुनती हूँ। मुझे बस या ट्रैन के आने के इंतज़ार के अलावा, और कोई तैयारी करने की ज़रूरत नहीं होती है।
दोस्त , आपको क्या लगता हैं कि बाइबल किस तरह के इंतज़ार की बात करती है जब वह कहती है:
"हमारा प्राण यहोवा की आस रखता है;वह हमारा सहायक और हमारी ढाल है।हमारा मन उसमें आनंदित है,क्योंकि हमने उसके पवित्र नाम पर भरोसा रखा है।हे यहोवा, जैसी हमारी आशा तुझ पर है,वैसी ही तेरी करुणा हम पर हो।" – भजन संहिता ३३:२०-२२
अगर आपका जवाब ‘सक्रिय’है, तो आप बिल्कुल सही हैं! 👏🏽
ख़ुदा का इंतज़ार करना ऐसा है जैसे किसी खास मेहमान का इंतज़ार करना: बार-बार खिड़की की तरफ देखना और साथ में यह सुनिश्चित करना कि घर सजाया हो और हर चीज़ उनके आगमन के लिए तैयार हो।
जिस तरह हम अपने घर को तैयार करते हैं, उसी तरह हम अपने दिलों को भी तैयार कर सकते हैं।
"बड़ी तैयारी बड़ी योजनाओं के साथ आती है"।
दोस्त , आज, मिलकर एक योजना बनाते हैं ताकि इस व्यस्त महीने में, हम ख़ुदा का इंतज़ार करने और अपने दिलों को तैयार करने ना भूलें। इसकी शुरुवात बाइबल पढ़ने, उसके उपस्थिति में ख़ामोश हो कर उसमे मगन होने, या दुआ करने के लिए रिमाइंडर लगाने से हो सकती है।
मुझे बेहद ख़ुशी होगी अगर आप इस ई-मेल का जवाब दें और आपकी योजना मुझसे साझा करें। क्या आप करेंगे?

