यीशु मसीह इस अँधेरी दुनिया में रौशनी है

क्रिसमस के लिए अब बस तीन ही दिन बचे हैं! क्या आप उत्साहित और तैयार हैं?
क्रिसमस पर हम यीशु मसीह के जन्म का जश्न मनाते हैं। उनका आगमन बहुत इंतज़ार के बाद हुआ और उनके आने की सबसे मशहूर भविष्यवाणी यशायाह के किताब, पुराने नियम में की गई थी:
"इस कारण प्रभु आप ही तुम को एक चिह्न देगा। सुनो, एक कुमारी गर्भवती होगी और पुत्र जनेगी, और उसका नाम इम्मानुएल रखेगी।" – यशायाह ७:१४
क्रिसमस का मौसम सिर्फ बाइबल के समय में ही नहीं, बल्कि अब भी, हमारे ज़िंदगी में यीशु मसीह की रौशनी के आगमन का इंतज़ार करने का वक्त है!
जब यीशु मसीह पैदा हुए थे, दुनिया अव्यवस्थित थी। इज्राएल राष्ट्र, रोमन अधिकारीयों के राज और ज़ुल्म के नीचे दबा हुआ था, जिन्होंने हेरोद को इज्राएल के ऊपर राजा नियुक्त किया था।
हेरोद को यीशु मसीह के जन्म से बेहद खतरा महसूस हुआ क्योंकि यीशु मसीह को भविष्य के राजा का आगमन माना गया था। इसी खौफ से उसने दो साल के और उससे छोटे सभी लड़कों को तलवार से मार डालने का हुक्म दिया। आप ये कहानी मत्ती २ में पढ़ सकते हैं:
उस संकट भरे और अंधेरे समय समय के बीच, जब इतने सारे मासूम बच्चों का कत्ल हुआ था, एक सच्ची रौशनी दुनिया में आयी! (यूहन्ना १:९)।
हमारी दुनिया आज भी अव्यवस्थित है। इस साल हमने न खत्म होने वाली जंगों, भुखमरी, खौफ़नाक बलत्कारें और बड़ी तबाहियों की खबरें सुनी हैं।
मसीही होने के नाते, हम ऐसे दो हक़ीक़तों में एक-साथ जीते हैं - एक तरफ यीशु मसीह का इंतज़ार करते हुए कि उसकी रौशनी दुनिया और हमारे ज़िंदगी में आए और दूसरी तरफ टूटे हुए हालातों और अंधकार से घिरे रहते हैं।
"मैं ने ये बातें तुम से इसलिये कहीं हैं कि तुम्हें मुझ में शान्ति मिले। संसार में तुम्हें क्लेश होता है, परन्तु ढाढ़स बाँधो, मैं ने संसार को जीत लिया है।” – यूहन्ना १६:३३
दोस्त , एक पल ठहरकर यीशु मसीह का शुक्रिया अदा करें कि, उसने हमारे अंधेरी ज़िंदगी में कदम रखा।
आज दुआ करता हूं कि तू मेरी ज़िंदगी के अंधेरे कोनों में अपनी असीम रौशनी को चमका और मेरे दिल के उन हिस्सों को प्रकट कर, जिन्हें तेरी रौशनी की ज़रूरत है। आमीन।

