जिंदगी में गड़बड़ होती हैं!

ज़िंदगी में गड़बड़ होती हैं...। मेरे ज़िंदगी में यह सचमुच ऐसा ही होता हैं 😄। हमारे बेटे के कभी-कभी ऐसे बड़े-बड़े डायपर होते हैं जो उसके घुटनों से लेकर आधी पीठ तक उसे गंदगी में ढक देते हैं। जब ऐसा होता हैं, तो मुझे गहरी सांस लेनी पड़ती हैं और बस साफ, साफ और साफ ही करना पड़ता हैं।
बेशक, यह उन असली मुश्किलों की तुलना में कुछ भी नहीं है जो हममें से कई लोग गुजरते हैं। कभी-कभी हमें पता होता है कि बुरी चीजें क्यों होती हैं, लेकिन ज्यादातर समय हम समझ नहीं पाते हैं।
यशायाह ४३:२ में लिखा हैं: “जब तू जल में होकर जाए, मैं तेरे संग संग रहूँगा और जब तू नदियों में होकर चले, तब वे तुझे न डुबा सकेंगी; जब तू आग में चले तब तुझे आँच न लगेगी, और उसकी लौ तुझे न जला सकेगी।”।
क्या आपने देखा, इसमें 'जब' लफ़्ज का जिक्र हुआ हैं, 'अगर' का नहीं? जब तक हम इस धरती पर हैं, ज़िंदगी में गड़बड़ हो सकती हैं। यीशु ने भी कहा कि “आसमान के इस पार तुम्हारे ज़िंदगी में मुश्किलें आएगी, पर हौसला रख मैंने इस दुनिया को जीत लिया हैं” (यूहन्ना १६:३३)।*
दोस्त , मुश्किलें आपके ज़िंदगी मे जरूर आयेंगे लेकिन ये कुछ ही समय के लिए हैं, पर ख़ुदा की रहमत सदा के लिए हैं।
प्रकाशितवाक्य २१:४ में लिखा हैं कि “यीशु मसीह उनकी आँखों से सब आँसू पोंछ डालेगा। इसके बाद न मृत्यु रहेगी, न शोक, न विलाप और न दु:ख, क्योंकि पुरानी बातें बीत चुकी हैं।” वैसे ही अय्यूब ४२:१२-१६ के अनुसार, बर्दाश्त-न-होनेवाले मुश्किलों से ख़ुदा ने अय्यूब को आजाद किया और उसे ज़िंदगी में पहले से ज्यादा बरकत दी।*
(*इस प्रोहत्सान के कुछ आयात मेरे अल्फ़ाज़ और अंदाज़ में लिखे गए हैं)
मैं आपके साथ मेरा एक पसंदीदा गीत बांटना चाहती हूँ, जिसने मुझे मुश्किल दौर में दिलासा मिला। दुआ करती हूँ कि मुश्किलों में आप अपनी नजर यीशु मसीह पर लगाए।
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