अगर कहानी अधूरी है, तो पिक्चर अभी बाक़ी है

शनिवार, ८ मार्च को इंटरनॅशनल महिला दिन है। इसलिए इस सप्ताह हम बाइबल से मेरी पसंदीदा महिलाओं में से, एक से प्रेरणा लेंगे। वह उन दो महिलाओं में से एक हैं जिनके नाम पर बाइबल में क़िताब हैं, और वह यीशु मसीह के वंशावली में नामित महिलाओं में से एक हैं।
रूत को एक "भली स्त्री" का ख़िताब दिया गया है (रूत ३:११), और हम सभी उससे बहुत कुछ सीख सकते हैं। हाँ, हम मर्द भी... 🧐 😜
रूत की कहानी उसके सास, नाओमी से शुरू होती है। नाओमी की ज़िंदगी नाकामयाबी से भरी हुई थी। अपने पति और दोनों बेटों को खो देने के बाद, अकाल के कारण उसे अपना देश भी छोड़ना पड़ा और वो एक ऐसे मोड़ पर पहुँच गईं जहाँ उसने कहा:
“मुझे नाओमी मत कहो, मुझे मारा कहो। क्योंकि सर्वशक्तिमान परमेश्वर ने मेरे जीवन को बहुत दुःखी बना दिया है। जब मैं गई थी, मेरे पास वे सभी चीज़ें थीं जिन्हें मैं चाहती थी। किन्तु अब, यहोवा मुझे खाली हाथ घर लाया है।" — रूत १:२०-२१
नाओमी का मतलब ‘ख़ुशाली’ है और मारा का मतलब ‘कड़वाहट’ है।नाओमी की ज़िंदगी सुख और पूर्णता से से बदलकर कड़वाहट और खालीपन से भर गई।
नाओमी का अपने बेटों को खोने का दर्द मेरे दिल को गहरी तरह महसूस होता है। हालाँकि, जब ज़ैक बीमार हुआ था तब हमने उसे खोया नहीं, लेकिन उसके दिमाग़ को हुए नुक़सान के कारण, उसके कई हिस्से खो गए हैं। नाओमी की तरह, मैं भी शायद कभी अपने बेटे को, आसमान के इस पार, चलते हुए नहीं देख पाऊँगा और न ही अपने पोते-पोतियों के साथ खेल कूद पाऊँगा, जब तक कि ख़ुदा चमत्कार न करें। नुक़सान और दुःख वाकई कड़वी दवाइयाँ जैसे होतें हैं।
लेकिन फिर भी, हम उम्मीद क़े ज़ंजीरों से क़ैद हैं। जैसे कड़वाहट नाओमी की कहानी का अंजाम नहीं था; वैसे ही हमारी और आपकी कहानी का अंजाम बीमारी, मौत या ज़िंदगी की मुश्किलों के साथ नहीं होगा।
बोअज़ और रूत के ज़रिए, नाओमी को एक पोता, ओबेद, की बरक़त मिली, जिसने उसके पति और बेटों की विरासत को आगे बढ़ाया। सिर्फ़ इतना ही नहीं, ओबेद, राजा दाऊद का दादा बना और यीशु मसीह के पूर्वजों में से एक हुआ।
नाओमी की ज़िंदगी इस तरह बदली:
- मायूसी से जश्न तक
- ख़ालीपन से परिपूर्णता तक
- बेसहरापन से मेहफ़ूज़ हालत तक
- कड़वाहट से मिठास तक
रूत की क़िताब से सबक़ नंबर १ यह है, कि हमारे ज़िंदगी के सबसे अँधेरे पलों में भी उम्मीद की रौशनी क़ायम है।
जैसा कि मैं हमेशा कहता हूँ:मेरे दोस्त, "अगर कहानी अधूरी है, तो पिक्चर अभी बाक़ी है।"

