उसकी रहमतें क़ायम की हैं, वे हर सवेरे नई होती हैं
हम साल के आख़री दिन तक़ पहुँच गए हैं!! 😱
मुझे उम्मीद है कि यह गुज़रा हुआ साल आपके लिए अनगिनत बरक़तों और बेहद फज़ल से भरा हुआ था।
आइए, इस नए साल में हम हर क़दम सोच समझकर रखें और इस हफ़्ते के हर दिन, एक सवाल पर ग़ौर करें। आज का सवाल हैं: इस पिछले साल में आप सबसे ज़्यादा किस चीज़ के लिए शुक्रगुज़ार हैं?
जब मैं २०२५ की ओर नज़र डालता हूँ, तो अपने पाँच साल के बेटे, ज़ैक के गुज़र जाने के बावजूद, मेरे दिल में सिर्फ़ गहरी शुक्रगुज़ारी उठती है। हाँ, यह मेरी ज़िंदगी के सबसे कठिन सालों में से एक साल रहा — दर्द, सवालों और आँसुओं से भरा हुआ। लेकिन फ़िर भी, मैं ख़ुदा का शुक्रगुज़ार हूँ, क्योंकि उसने ज़ैक को दर्द और तकलीफ़ से राहत दी, और हमें उस मुसीबत से आज़ादी बख़्शी जो हमें अंदर तक तोड़ रही थी।
मैं आपको आज प्रोत्साहित करता हूँ कि जब आप पीछे मुड़कर देखें, तो कम से कम ५० बातों की एक सूची बनाइए जिनके लिए आप सच में शुक्रगुज़ार हैं — छोटी हों या बड़ी — और फ़िर हर एक के लिए यीशु मसीह का दिल से शुक्र अदा करें। अगर आप इस वक़्त किसी मुश्क़िल दौर से गुज़र रहे हैं, तो मैं आपको चुनौती देता हूँ कि, आप उन १० तरीक़ों को लिखें जिनमें ख़ुदा ने आपकी मदद की — शायद किसी इंसान के ज़रिए, किसी उम्मीद भरे लफ़्ज़ से, या किसी छोटे से चमत्कार के रूप में।
"मैं ख़ुदावंद के कामों को याद करूँगा; हाँ, मैं तेरे किये चमत्कारों को याद करूँगा। मैं तेरे तमाम कामों पर ग़ौर करूँगा और तेरे अज़ीम कामों पर मनन करूँगा। – भजन संहिता ७७:११-१२
आज मैं एक ख़ास काम आपके हवाले करता हूँ: इस साल जितने भी लोगो ने आपकी ज़िंदगी पर प्रभाव डाला है, हर एक के लिए शुक्रगुज़ारी की चिठ्ठी लिखें।
शुक्रगुज़ारी का रवैया अपनाना और ख़ुदा और लोगों का शुक्र अदा करना, अहम है। जब हम उन सभी चीज़ों की सूची बनाते हैं, जिनके लिए हम शुक्रगुज़ार हैं और उन पर ग़ौर करते हैं, तब हमें यह एहसास होता है कि ख़ुदा कितना वफ़ादार रहा है। हमें यिर्मयाह की तरह, यह कहने पर मजबूर करता है कि:
"ख़ुदा की मजबूत मोहब्बत कभी ख़त्म नहीं होगी; उसकी रहमतें क़ायम की हैं, वे हर सवेरे नई होती हैं; उसकी वफ़ादारी अज़ीम हैं।" – विलापगीत ३:२२-२३