डर मत, तेरी दुआ क़बूल हुई हैं।
उम्मीद है कि, आपका क्रिसमस बेहद ख़ुशियों भरा रहा होगा! क्या आपने इसे अपनों के साथ मनाया? हमें ज़रूर बताना।
पिछले ३ हफ़्तों से, हमने क्रिसमस को यीशु मसीह की माँ, मरियम की नज़र से देखा। लेकिन क्रिसमस की कहानी में ऐसे दो और किरदार भी हैं जिनका ज़िक्र करना ज़रूरी है: ज़खरिया और एलिज़ाबेथ। हम उनके बारे में लूका १ में पढ़ सकते हैं।
एलिज़ाबेथ और ज़खरिया को पाक़ और बेक़सूर जोड़े के रूप में, ख़ुदा का आदरयुक्त डर माननेवालें बताए गए हैं (आयत ६)। लेकिन इसके बावजूद, वे बेऔलाद और अब बहुत बूढ़े भी हो गए थे (आयत ७)।
लूका १:६-७ कहता है:
*“दोनों धर्मी थे, लेकिन बेऔलाद थे।”
एक पल रुक कर इस आयत पर ज़रा ग़ौर करें। वे दोनों धार्मिक थे, और फ़िर भी बेऔलाद। वे बेदाग़ और बेक़सूर थे, लेक़िन उनकी दिली-ख़्वाहिश अधूरी थी।
इसका ये मतलब है कि उनकी बेऔलादी न तो उनकी पाकीज़गी की कमी या गुनाह भरी ज़िंदगी की सज़ा थी, और न ही उनकी धार्मिकता, ख़ुदा के फ़ज़ल की कोई ज़मानत थी।
जब ज़िंदगी हमारी उम्मीदों के हिसाब से नहीं चलती, तब हमारा पहला ख़याल यह होता है कि “शायद ख़ुदा मुझसे नाराज़ हैं और वह मुझे सज़ा दे रहा है।” या हमारी पाकीज़गी हमें यह महसूस करवाती है कि हम कोई ख़ास फ़ज़ल के हक़दार हैं क्योंकि हम अच्छे मसीही हैं या बेदाग़ ज़िंदगी जी रहे हैं।
ज़खरिया और एलिज़ाबेथ की कहानी यह साबित करती है कि दोनों ख़याल ग़लत हैं।
जब हमारे बेटे ज़ैक की तबियत खराब हुई, तब कई लोगों ने यह कमेंट किया कि शायद ख़ुदा हमें चेतावनी दे रहा है कि हम अब फ़िल्मी गाने न गाएँ (क्योंकि उस वक़्त, कॅमरॉन कुछ बॉलीवुड के गानों को मसीही इबादत के गीतों से जोड़कर गा रहा था)। वह सारे टिप्पणियाँ, न केवल सख़्त और बेरहम थे, पर पूरी तरह से बाइबल के ख़िलाफ़ भी थे!
मेरे अंदर से सब कुछ ये कहने की क़ोशिश कर रही थी कि, “ख़ुदा ऐसे काम नहीं करता!” लेकिन मैंने दुआ की, कि उन्हें ख़ुदा से प्रकाशन मिले और उसकी बेहिसाब मोहब्बत से वे सब भर जाए।
धर्मी और अधर्मी, दोनों की ज़िंदगी में बरक़तें और मुश्किलें आती हैं (मत्ती ५:४५ और युहन्ना १६)।
ज़खरिया और एलिज़ाबेथ की कहानी हमें यह सिखाती है कि जब हमारी दुआएँ पूरी न हों, तब भी हमें ईमान बनाए रखना चाहिए और ख़ुदा की सेवा करते रहना चाहिए।
फ़रिश्ते गेब्रिएल के लफ़्ज़ों में (लूका १:१३), मैं आज आपको याद दिलाना चाहती हूँ:
“डर मत, तेरी दुआ क़बूल हुई हैं।”