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Publication date 19 दिस. 2025

उसकी रहमत पीढ़ी-दर-पीढ़ी तक क़ायम रहती है।

Publication date 19 दिस. 2025

हम एक अजीब सी दुनिया में जी रहे हैं जहा कभी-कभी ऐसा महसूस होता है कि सबकुछ बेक़ाबू हो रहा हैं। हर तरफ़ जंग, राजनीतिक हत्याएँ, महिलाओं और बच्चों के ख़िलाफ़ ज़ूल्म देख कर लगता है कि इस दुनिया में कुछ भी भला नहीं हो रहा।

यहाँ तक कि हमारे अपने देश, भारत में भी आज लाखों लोग अब भी किसी न किसी रूप में ग़ुलामी की ज़िंदगी जी रहे हैं। और धर्म के नाम पर फैलती हिंसा और नफ़रत की ख़बरें दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही हैं।

यह सब सुनकर मैं सब कुछ भूलकर कहीं छुप जाना चाहती हूँ। दुनिया की पेचीदा स्तिथि से नज़र हटाकर, अपनी ज़िंदगी पर ग़ौर करने से ध्यान हट सकता हैं।

जब मैं मरियम के गीत पर गहराई से ग़ौर करती हूँ, तो यह एहसास होता है कि वह उस असाधारण पल में खड़ी है — एक ऐसा पल जो न सिर्फ़ उसकी ज़िंदगी, बल्कि पूरी इंसानियत का रुख़ बदल देने वाला है। वह जानती है कि वही ख़ुदा के बेटे, यीशु मसीह को जन्म देने वाली है। और फिर भी, इतने भारी बुलावे, उलझनों और ज़िम्मेदारियों के बीच, उसका ध्यान ख़ुद पर नहीं ठहरता — न अपने डर पर, न अपने हालात पर।बल्कि उसका दिल शुक्र और स्तुति से भर उठता है। वह अपने हालात से ऊपर उठकर ख़ुदा की महिमा को देखती है, उसकी नज़र अपनी तकलीफ या अनिश्चितता पर नहीं, बल्कि उसकी वफ़ादारी, उसकी रहमत, और उसके वादों की सच्चाई पर टिकी रहती है।

ऐसा लगता है कि उसकी दुआ और इबादत ३ पहलुओं से होकर गुज़रती है।

  1. पहले, ख़ुदा ने उसके लिए क्या-क्या किया हैं, वह उस पर ग़ौर करती हैं:”अब से हर पीढ़ी मुझे ज़हनसीब कहेगी, क्योंकि ताक़तवर ख़ुदा ने मेरे लिए अद्भुत काम किए हैं—पाक़ है उसका नाम।” लूका १:४८-४९

  2. फिर वह दूसरों को याद करती हैं:  ”उसकी रहमत उन सब पर है जो उसका आदरयुक्त खौफ़ रखते हैं, पीढ़ी-दर-पीढ़ी तक।”लूका १:५० 

  3. आख़िर, वह अपने देश, इस्राएल के लिए ख़ुदा ने क्या किया और क्या करेगा, उसकी तारीफ़ करती हैं: “उसने अपने दास इस्राएल की सहायता की, और अपने अब्राहम से किए वचनों को याद रखा — कि वह उसकी संतानों पर सदा दया करेगा, जैसा उसने हमारे पूर्वजों से वादा किया था।” लूका १:५४-५५

मरियम के ज़माने की ख़बरें आज जैसी ही थीं। उस वक़्त इस्राएल, रोमन शासन के अधीन था और आज़ादी के लिए बेताब था।

यह सोचनेवाली बात हैं कि अपनी ज़िंदगी की सबसे अहम घटना के दौरान, मरियम अपने देश और अपने आस-पास के लोगों के लिए दुआ करना नहीं भूलतीं।

ईमानदारी से कहूँ तो मैं शायद ऐसा न कर पाती। लेकिन यह एक याद दिलाने वाली ख़ूबसूरत बात है कि हमें भी अपने देश के लिए दुआ और ख़ुदा का शुक्र अदा करना चाहिए।

आप एक चमत्कार हैं।

Jenny Mendes
Author

Purpose-driven voice, creator and storyteller with a passion for discipleship and a deep love for Jesus and India.