तुम्हारे लिए बनाए गए हर मंसूबे को मैं जानता हूँ
क्रिसमस के इंतज़ार में, इस महीने बारी-बारी से, कॅमरॉन और मैं, क्रिसमस की कहानी को मरियम की नज़रिए से, आपके साथ समझने की कोशिश कर रहे हैं।
एक चीज़ जो हमेशा मुझे हैरान करती है, वह यह है कि मरियम कितनी पेचीदा हालातों में थीं: जो शादी से पहले गर्भवती थी।
आज भी, किसी अविवाहित स्त्री की ऐसी अवस्था, समाज के सवालों और आलोचनाओं का निशाना बनती है। मगर मरियम के समय में, यह मामला और भी गंभीर था — क्योंकि तब ऐसे हालात में पाई जाने वाली स्त्री के लिए यह जानलेवा साबित हो सकता था, यहाँ तक कि मौत की सज़ा तक। (लैव्यव्यवस्था २०:१०)
और इससे भी कठिन बात यह थी कि मरियम ने शादी से पहले किसी के साथ संबंध नहीं बनाए थे — वह अब भी एक पवित्र, कुँवारी युवती थीं। ख़ुदा ने उसे इसी पवित्रता के कारण चुना था; लेकिन विडंबना देखिए — जिसे आसमान ने चुना था, ज़मीन ने वही उसे गुनहगार ठहराया। जो ईमानदार और पाक़ थी, वही लोगों की नज़रों में व्यभिचारी समझी जाने लगी। 😩
हम देखते हैं कि यह बाइबल में अक्सर होता है: जिन लोगों को ख़ुदा चुनता है, उन पर वही चीज़ों के लिए हमला किया जाता है जिनके लिए उन्हें बुलाया गया है।
मिसाल की तौर पर मूसा को ही लीजिए, सालों पहले जब वह इस्राएलियों को मिस्र से बाहर लाने वाला था, एक गुस्सैल इस्राएली ने उससे कहा: “किसने तुझे हम लोगों पर अगुवाह और न्यायी ठहराया है?” (निर्गमन २:१४)। और वही उनका अगुवाह और न्यायी बननेवाला था!
यहाँ तक कि यीशु मसीह के बारे में भी लोग कहते थे, “देखो यह पेटू और शराबी है, कर चोरी करने वालों और पापियों का दोस्त है” (मत्ती ११:१९)। जबकि हक़ीक़त में, यीशु मसीह इकलौता ऐसा इंसान था जो बेगुनाह था (१ पतरस २:२२)।
शैतान हमेशा आपको उसी चीज़ का निशाना बनाएगा जो आप बनने या करने के लिए बुलाये गए हैं।
कई बार वह इसके लिए आपके आस-पास के लोगों का इस्तेमाल करेगा, उनकी टिप्पणियाँ या नज़रिया के ज़रिए। ख़ासकर इस ज़माने में लोग सोशल मीडिया पर एक-दूसरे के बारे में भला-बुरा कहते हैं और नफ़रत, बेबुनियादी और झूठ की ज़हरीली बातें बड़ी आसानी से फ़ैलाते हैं।
क्या आपको भी कभी ताना मारा गया हैं या आपका मज़ाक उड़ाया गया है? हिम्मत रखिए!
आपकी पहचान और भविष्य को तय करने वाली बातें वो नहीं हैं, जो लोग आपके बारे में कहते हैं — बल्कि वो है, जो आपके आसमानी पिता ने आपके बारे में कहा है। वही ख़ुदा आपके आनेवाले कल को आकार देते हुए कहता हैं:
"तुम्हारे लिए बनाए गए हर मंसूबे को मैं जानता हूँ - ये मंसूबे तुम्हें नुक़सान पहुँचाने के लिए नहीं, बल्कि तुम्हे तरक्की, उम्मीद और एक रोशन भविष्य देने के लिए है।” – यिर्मयाह २९:११