ख़ुदावंद तेरे साथ है।
क्या आपके पास कोई ऐसा आसान-सा जुमला है जिसे आप कुछ हालात में अपने दिल और दिमाग़ में बार-बार दोहराते हैं?
मेरे पास है! कुछ लोग इसे “मंत्र” कहते हैं, मगर मुझे यह लफ्ज़ ज़्यादा रूहानी लगता है। मैं इसे बस छोटे-से एक-वाक्य का मानता हूँ, जिसे आप बार-बार अपने आप से कह सकते हैं, एक याद दिलाने वाला जुमला। जिनमे से मेरे कुछ पसंदीदा हैं:
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“सिर्फ़ यक़ीन रख!” — मरकुस ५:३६ पर आधारित, जहाँ यीशु मसीह ने याईरुस, जिसकी बेटी का अभी-अभी देहांत हुआ था, से कहा: *“मत डर, सिर्फ़ यक़ीन रख।” हमने ज़ैक के अस्पताल के कमरे में भी “सिर्फ़ यक़ीन रख।” का एक बैनर लगाया था।
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“अपने दिल को परेशान होने या डरने न दे।” — यूहन्ना १४:२७ पर आधारित हैं।
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“ख़ुदा मेरी हर बात को मुक़म्मल करेगा जो मेरे लिए है।” — भजन संहिता १३८:८ पर आधारित हैं।
जैसे किसी महान पुरुष ने कहा था कि ‘आल इज वेल’ बोलने से तक़लीफ़े दूर नहीं होंगे लेकिन उन्हें झेलने की ताक़त हासिल होगी, वैसे ही जब मैं अपने दिमाग़ में इन ताक़तवर अल्फ़ाज़ों को दोहराता हूँ, तब मेरा ध्यान मेरी परेशानियों से हटकर मेरे आसमानी पिता की तरफ़ चला जाता है।
शायद जब फ़रिश्ता गेब्रियल मरियम से रूबरू होकर बोला — *“ख़ुदावंद तेरे साथ है” (लूका १:२८), तो वो एक साधारण सलाम नहीं, बल्कि मरियम के दिल में गूंजने वाला ऐसा जुमला था जिसने उसमें हौसला, भरोसा और ताक़त भर दी होगी।
जब मैं इस सीरीज़ की तैयारी कर रहा था और यीशु मसीह के जन्म की कहानी को मरियम की नज़रों से समझने की क़ोशिश कर रहा था, तब मेरे मन में यह ख़याल बार-बार आता रहा — शायद उस पूरे सफ़र में, फ़रिश्ते के पैग़ाम से लेकर चरनी तक़, मरियम अपने दिल में यही वाक्य दोहराती रही होगी: “ख़ुदावंद मेरे साथ है, ख़ुदावंद मेरे साथ है।”
जब मरियम, शादी से पहले गर्भवती होने पर, समाज की नाराज़गी का सामना कर रही थीं, तब उसने मन-ही-मन कहा होगा: “ख़ुदावंद मेरे साथ है।” या जब भारी गर्भावस्था में, बैतलहम के हर सराय से इंकार सुन रही थीं, तब याद करतीं होगी: “ख़ुदावंद मेरे साथ है।”
क्या आपके पास भी बाइबल में से कोई आपका पसंदीदा वाक्य या आयात है? आप चाहें तो मेरे वाले या मरियम वाले जुमलें को इस्तेमाल कर सकते हैं। या इससे भी बेहतर, पवित्र आत्मा से दुआ करें कि वह आपको आपका अपना वाक्य दे और बार-बार आपको उसकी याद दिलाता रहे।