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Publication date 10 दिस. 2025

मै ख़ुदा की एक दासी हूँ।

Publication date 10 दिस. 2025

कल जेनी ने बहुत ख़ूबसूरती से बताया कि किस तरह फ़रिश्ते गेब्रियल के आने पर मरियम एक ही वक़्त में ख़ुदा की मेहरबानी से भरपूर भी हुई और गहरी उलझन में भी पड़ गई - जब उसे यह पैग़ाम मिला कि वह ख़ुदा के बेटे, यीशु मसीह को जन्म देगी।

मैं इस बात पर और गहराई से मनन करना चाहता हूँ।

जैसा की जेनी ने लिखा, मरियम का पहला जवाब न तो हैरत से भरा था, न वो आश्चर्यचकित हुई और न ही यह एहसास हुआ कि उसे कोई बड़ी इज़्ज़त मिली है। उसका शुरुआती जवाब (अगर मैं अपने अंदाज़ में कहूँ तो) यह था—“कुछ तो गड़बड़ है।” (लूका १:२८-२९)।

हम बाइबल से यह समझ सकते हैं कि मरियम और उसका मंगेतर, यूसुफ़, बेहद मज़हबी और वफ़ादार यहूदी थें।

इसीलिए यह मुमक़िन है कि मरियम ने पुराने नियम के उन नबियों और लोगों की कहानियाँ सुनी या पढ़ी होंगी जिन्हें ख़ुदा ने किसी ख़ास मक़सद के लिए बुलाया था। लेकिन उनकी कहानियाँ आराम या शान-शौकत से नहीं, बल्कि आज़माइशों, दर्द और सख़्त इम्तिहानों से भरी थीं — जहाँ हर क़दम पर ईमान की क़ीमत चुकानी पड़ी।

  • यिर्मयाह को इतनी शिद्दत से सताया गया कि उसने चाहा कि काश वह पैदा ही न हुआ होता। (यिर्मयाह २०:१४-१८)।

  • उसे पीटा गया और क़ैदख़ाने में डाल दिया गया (यिर्मयाह ३७:१५-१६)।

  • योना को तूफ़ानी समुंदर में जहाज़ से बाहर फ़ेंक दिया गया, और उसकी मौत होने ही वाली थी कि एक बड़ी मछली ने उसे निगल लिया और उसे उसके पेट में ३ दिनों तक़ रहना पड़ा (योना १)।

  • यशायाह को ३ साल तक निर्वस्त्र घूमना पड़ा (यशायाह २०:३)।

  • दानिय्येल को शेरों की गुफ़ा में डाल दिया गया (दानिय्येल ६:१६)।

तो मैं सोच सकता हूँ कि क्यों मरियम “बहुत परेशान” हुईं जब एक फ़रिश्ता उसके पास कोई ख़ास पैग़ाम लेकर आया।

आज भी मैं कई नामचीन हस्तियों को जानता हूँ जिनको ख़ुदा ने अपनी राज्य में अनोखें तरीक़े से इस्तेमाल किया है। लेकिन उनमें से किसी की ज़िंदगी आसान नहीं रही। बल्कि कई बार उनका बुलावा ही उन्हें और मुश्किल इम्तिहानों की ओर ले गया।

मेरी अपनी ज़िंदगी में भी, भले ही मुझे एक बड़ी सेवकाई की बरक़त मिली है, मगर मुझे भी मुश्किलों से गुज़रने से बख़्शा नहीं गया। कुछ ही महीने पहले मैंने एक बेहद दर्दनाक इम्तिहान झेला — हमारे पाँच साल के बेटे, ज़ैक के देहांत का।

लेकिन मरियम का आख़री जवाब उसके शुरुआती जवाब से भी ज़्यादा दिलचस्प है:

“मैं ख़ुदावंद की दासी हूँ, जैसा आपने कहा है वैसा ही मेरे लिए पूरा हो।” लूका १:३८ 

मैं चाहता हूँ कि मेरा भी रवैया हमेशा यही रहे। मैं ख़ुदा की सेवा करना चाहता हूँ, चाहे उसकी क़ीमत कुछ भी क्यों ना हो। आप कौनसा रवैया अपनाना चाहेंगे?

आप एक चमत्कार हैं।

Cameron Mendes
Author

Worship artist, singer-songwriter, dreamer and passionate about spreading the Gospel.