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Publication date 9 दिस. 2025

तुम जो अज़ीम मेहरबानी से नवाज़े गए हो

Publication date 9 दिस. 2025

लूका १:२८-२९ में हम पढ़ते हैं कि मरियम के पास एक आसमानी फ़रिश्ता आया और उसने कहा:

“सलाम, तुम जो अज़ीम मेहरबानी से नवाज़े गए हो, ख़ुदावंद तेरे साथ है।” यह सुनकर मरियम बहुत परेशान हुई और मन-ही-मन अपने आपसे सवाल पूछने लगी कि ये क़िस क़िस्म का सलाम या पैग़ाम हो सकता हैं।

फ़रिश्ते के इस अज़ीम आसमानी सलाम और पैग़ाम पर, मरियम का पहला ख़याल मुझे मज़ेदार लगता है। 😂

यह तस्वीर मुझे, मेरे पिता की याद दिलाती है। जब भी मैं अपने पिता के पास जाती हूँ और सुर को ऊपर उठाते हुए उसे एक लंबा “पापाआआआआ?” कहती हूँ, तो उन्हें तुरंत पता चल जाता है कि मैं कोई मदद माँगने वाली हूँ। वह सीधे जवाब में पूछते थे —“तुझे क्या चाहिए?”। लेकिन उस सवाल में एक हल्की-फुल्की शरारत और थोड़ा-सा डर शामिल होता था कि अब मैंने कौन-सी नई योजना बना ली होगी।

मेरे पिता की तरह, मरियम भी शायद सोच रही थी कि “आख़िर मुझसे क्या चाहिए?” - और यही ख़याल ने उसे और ज़्यादा परेशान कर दिया।

अगर मैं मरियम की जगह होती, तो शायद मेरा पहला जवाब होता, “वाह, शुक्रिया!” लेकिन जब मैंने मरियम की प्रतिक्रिया पर ग़ौर किया, तो मुझे एहसास हुआ कि ख़ुदा की बुलाहट पाना एक बहुत बड़ी मेहरबानी भी है और एक बेहद भारी ज़िम्मेदारी भी।

यह बिल्कुल मुमकिन है कि इंसान एक ही वक़्त में, ख़ुदा की मेहरबानी से लबालब भी हो और परेशानियों के बोझ तले, दबा हुआ भी महसूस करे। मरियम के साथ कुछ ऐसा ही हुआ।

इसका यह मतलब नहीं कि मरियम ने ख़ुदा पर भरोसा नहीं किया या वह नाफ़रमान थीं; बल्कि वह हमारी तरह इंसान थीं।

मसीही होने का मतलब हैं कि, ख़ुदा हम सब पर मेहरबान हैं और उसने हमें उसके भले कामों को अंजाम देने के लिए बुलाया है जो उसने ने पहले से ही हमारे लिए तैयार किए हैं (इफ़सियों २:१०)। लेकिन इसका दूसरा मतलब यह भी हो सकता है कि, कभी-कभी हमें बहुत भारी और मुश्किल हालातों से गुज़रना पड़ेगा। यहाँ तक कि मरियम, जो यीशु मसीह की माँ थीं, उसके दिल में भी यह सवाल आया कि वह किस राह पर जा रही हैं。

क्या कभी आपको भी मरियम की तरह, ख़ुदा की बुलाहट या उसकी सेवा का बोझ महसूस हुआ है?

आप एक चमत्कार हैं।

Jenny Mendes
Author

Purpose-driven voice, creator and storyteller with a passion for discipleship and a deep love for Jesus and India.