हर वक़्त ख़ुदावंद में ख़ुश रहे; फ़िर कहता हूँ, ख़ुश रहे।
इस हफ़्ते, हमने अपने आप से गहरे और मननशील सवाल किए हैं, क्योंकि हम हाल ही में बीते साल की घटनाओं और अनुभवों पर ग़ौर कर रहे हैं, जो अब पीछे छूट चुके हैं।
आज, हम एक ख़ुशमिज़ाज अंदाज़ से इसे ख़त्म करेंगे। अपने आप से पूछें: पिछले साल में मैंने सबसे ज़्यादा कब मुस्क़ुराया?
कभी-कभी मसीही ज़िंदगी भारी और चुनौतीपूर्ण लग सकती है; आख़िरकार, हम एक पाक़ और महान ख़ुदा की इबादत करते हैं और चाहते हैं कि अपने हर काम में यीशु मसीह की तरह बनें। दुआ, मनन और क़लाम पढ़ते हुए, तथा ख़ुदा की सेवा में लगे रहते हुए यह याद रखना बेहद अहम है कि हर वक़्त यीशु मसीह में खुश रहें और हर हालात में उसकी महिमा का जश्न मनाते रहें।
कई दफ़ा बाइबल में ख़ुशी, आनंद और हँसी का ज़िक्र किया गया है, और हमें हर हालात में ख़ुश रहने के लिए प्रोत्साहित भी किया है:
-
“हर वक़्त ख़ुदावंद में ख़ुश रहे; फ़िर कहता हूँ, ख़ुश रहे।” — फिलिप्पियों ४:४
-
“हमेशा ख़ुश रहें, लगातार दुआ करें, हर हालातों में शुक्रगुज़ार रहें; क्योंकि यह यीशु मसीह में ख़ुदा की मर्ज़ी है।” — १ थेस्सलुनीकियों ५:१६-१८
-
“उम्मीद में ख़ुश रहे, तकलीफ़ में सब्र करें और दुआ में वफ़ादार बने।” — रोमियों १२:१२
अब थोड़ा वक़्त निकालकर उन ख़ुशहाल लम्हों पर ग़ौर करें जिन्होंने आपके चेहरे पर मुस्कान बिखेरी हैं! आप अपने मोबाइल की तस्वीरों को भी देख सकते हैं और उन पलों को याद कर सकते हैं जिनसे आपके दिल को सच्ची ख़ुशी मिली थी।
उन पलों में ख़ुश रहें। दुआ में, यीशु मसीह के साथ उन्हें साझा करें। मुझे पूरा यक़ीन है कि उन पलों में यीशु मसीह ने भी आपके साथ मुस्कुराया होगा - आख़िर में ख़ुदा का शुक्र अदा करें कि उसने आपको इतने क़ीमती और ख़ुशहाल यादों से नवाज़ा हैं।