उनके फ़ल से तुम उन्हें पहचानोगे।
मैं अपने आस-पास अच्छे लोगों की मौजुदगी और दोस्ती से ज़हनसीब हूँ, लेकिन मेरे लिए हमेशा ऐसा ही नहीं रहा। पहले, मुझे यह समझने में मुश्किल होती थी कि मैं किस पर भरोसा कर सकता हूँ, और मैंने देखा कि कुछ रिश्ते शुरू में वादा करते हुए लगते थे, लेकिन आख़िर मेरी ज़िंदगी में ज़्यादा नुक़सान पहुँचाते थे।
कभी-कभी यह समझना मुश्किल होता है कि किसी शख़्स का हमारे ज़िंदगी पर असर अच्छा है या बुरा। लेकिन जब आप लंबे वक़्त तक उस रिश्ते के असर को आज़माते हैं, तो पहचानना आसान हो जाता है।
आज, मैं आपसे एक सवाल पूछना चाहता हूँ: पिछले साल में, किस व्यक्ति ने आपकी सोच, आपके रवैये या आपके फैसलों पर सबसे गहरा असर डाला है? और उस असर ने आपकी ज़िंदगी को किस तरह बदल दिया?
आप यह सवाल किसी पर भी लागू कर सकते हैं: दोस्त, सहकर्मी, बॉस, पासबान और जिस शख़्स के साथ आप ज़िंदगी गुज़ार रहे हैं। आप इस बात पर ज़ोर डालें कि उस रिश्ते ने आपकी ज़िंदगी में कौन से फ़ल विकसित किए हैं। क्या वे अच्छे हैं या बुरे?
बाइबल हमें सिखाती है:
*“उनके फ़ल से आप उन्हें पहचानेंगे। वैसे ही, हर अच्छा पेड़ अच्छा फ़ल देता है, लेकिन बुरा पेड़ बुरा फ़ल देता है। एक अच्छा पेड़ बुरा फ़ल नहीं दे सकता, और बुरा पेड़ अच्छा फ़ल नहीं दे सकता।” – मत्ती ७:१६-१८
क्या आपके दोस्त के साथ हर मुलाक़ात गाली-गलोच और चुग़ली में बदल जाती है? क्या आप अपने जीवनसाथी के संगत में महफूज़ हैं और आपकी इज्ज़त की जाती हैं?
जब आप किसी शख़्स के बारे में सोचें, तो ख़ुद से पूछें: “क्या उनके असर ने मुझे यीशु मसीह के क़रीब लाया या दूर किया?”
अगर ऊपर पूछे गए सवालों के जवाब ज़्यादातर ’ना’ हैं, तो उन रिश्तों को बदलने या ख़त्म करने का वक़्त आया है। 🤔 क्योंकि याद रखें:
*“ज्ञानी के संग चल, तो तू भी बुद्धिमान बनेगा; पर मूर्खों की संगत, तेरी समझ और ज़िंदगी — दोनों को घाटा पहुँचाएगी।” – नीतिवचन १३:२०
एक अच्छा दोस्त यह करता है:
- जब आप गिरें तो आपको उठाता है। – उपदेशक ४:९-१०
- आपको हौसला देता है। – १ थिस्सलुनीकियों ५:११
- आपको सुधारने में मदद करता हैं और ज़िंदगी को आकार देता है। – नीतिवचन २७:१७
- बिना न्याय किये, आपको समझता है और आपके लिए दुआ करता है। – याकूब ५:१६
- ख़ुशियों और ग़मों में आपके साथ होता है। – रोमियों १२:१५
इस पर ग़ौर करें और पवित्र आत्मा से दुआ करें कि वो आपको सही समझ और रहनुमाई दे.