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Publication date 30 नव. 2025

वो हमें छुडाता रहेगा।

Publication date 30 नव. 2025

हम अपनी सीरीज़ के आख़री दिन पर पहुँच गए हैं, और मुझे उम्मीद है कि आपको अब तक कुछ सिखने मिला होगा।

मुश्क़िल हालातों को सहने की सबसे बड़ी मिसाल, बे-शक़ पौलुस हैं।

वो ख़ुद कुछ यूँ बयान करता है (२ कुरिन्थियों ११:२४-२८):

“यहूदियों ने मुझे पाँच बार ३९ कोड़े लगाए। मुझे तीन बार लकड़ियों से पीटा और एक बार पत्‍थरों से मारा। तीन बार ऐसा हुआ कि जिस जहाज़ पर मैं यात्रा कर रहा था, वह टूट गया और एक बार वह पूरे २४ घटें खुले समुद्र पर इधर-उधर बहता रहा। मैं हर बार सफ़र करता रहा। मुझे नदियों का, यहूदियों का, गैर-यहूदियों का, नगरों का, निर्जन स्‍थानों का, समुद्र का और धोकेबाज़ भाइयों का ख़तरा था। मैंने बहुत मेहनत की और बहुत-सी रातें जागते हुए बितायीं। मुझे अकसर भोजन नहीं मिला। भूख-प्‍यास, ठंड और कपड़ों की कमी−यह सब मैं सहता रहा और इन बातों के अतिरिक्‍त सब कलीसियाओं के विषय में मेरी चिंता, जो हर वक़्त मुझे व्‍याकुल किये रहती है।

अपने एक मिशन के दौरान पौलुस ने लिखा कि “हमने इतनी सख़्त आज़माइश सही कि हमने बचने के सारी उम्मीदें छोड़ दी।” (२ कुरिन्थियों १:८)

लेकिन आगे वो कहता है:

“यह सब इसलिए हुआ कि हम ख़ुद पर नहीं, बल्कि उस ख़ुदा पर एतबार करें, जो मुर्दों को ज़िंदा करता है। उसने हमें मौत की खाई से निकाला, और वह फ़िर निकालेगा। हमारी उम्मीदें उसी पर है कि वह हमेशा बचाता रहेगा।” (२ कुरिन्थियों १:९-१०)

पौलुस ने अपने शरीर में एक काँटे का भी ज़िक्र किया, जिसे हटाने के लिए उसने तीन बार ख़ुदा से गुज़ारिश की (२ कुरिन्थियों १२:७-८)।

लेकिन ख़ुदा का जवाब था:

“मेरी फ़ज़ल तेरे लिए काफ़ी है, क्योंकि मेरी ताक़त, तेरी क़मज़ोरी में क़ामिल होती है।” (२ कुरिन्थियों १२:९)

पौलुस ने सीखा कि अपनी ताक़त पर नहीं, बल्कि अपनी कमज़ोरी पर फ़ख़्र करना है, क्योंकि वहीं मसीह की ताक़त ज़ाहिर होती है। उसने कहा:

“जब मैं कमज़ोर हूँ, तभी मैं ताक़तवर हूँ।” (२ कुरिन्थियों १२:१०)

कभी-कभी ख़ुदा हमारी ज़िंदगी में ऐसे बोझिल और मुश्किल हालातों को आने देता है जो हमारी क्षमता और सहनशक्ति से कहीं बढ़कर होते हैं, ताकि हमारी सारी क़मज़ोरी में हम उसकी ताक़त का अनुभव कर सकें।

क्या आप ख़ुद को क़मज़ोर महसूस करते हैं? तो याद रखें, ख़ुदा ही आपकी ताक़त है! पौलुस की तरह आप भी अपनी उम्मीद उसी पर रखें, जो आपको आज और आगे भी बचाता रहेगा।

आप एक चमत्कार हैं।

Jenny Mendes
Author

Purpose-driven voice, creator and storyteller with a passion for discipleship and a deep love for Jesus and India.