• HI
    • AR Arabic
    • CS Czech
    • DE German
    • EN English
    • ES Spanish
    • FA Farsi
    • FR French
    • HI Hindi
    • HI English (India)
    • HU Hungarian
    • HY Armenian
    • ID Bahasa
    • IT Italian
    • JA Japanese
    • KO Korean
    • MG Malagasy
    • MM Burmese
    • NL Dutch
    • NL Flemish
    • NO Norwegian
    • PT Portuguese
    • RO Romanian
    • RU Russian
    • SV Swedish
    • TA Tamil
    • TH Thai
    • TL Tagalog
    • TL Taglish
    • TR Turkish
    • UK Ukrainian
    • UR Urdu
Publication date 29 नव. 2025

मैं तुम्हें न कभी छोड़ूँगा और न कभी त्यागूंगा।

Publication date 29 नव. 2025

क्या कभी आपको ऐसा महसूस हुआ है कि ख़ुदा ने आपको बिल्कुल छोड़ दिया है और आपको भुला दिया है?

हालाँकि हमें यक़ीन हैं कि ख़ुदा कभी हमें न छोड़ेगा और न ही त्यागेगा (इब्रानियों १३:५), लेकिन कई बार मुश्क़िल हालातों में ऐसे लग सकता हैं।

मेरे ज़िंदगी में भी जब-जब अंधेरी रातें और दर्द से भरे पल आए, जैसे की ज़ैक की बीमारी, उसका लगातार इलाज और उसकी तकलीफ़ें, तो कई बार मैंने ख़ुदा से बिल्कुल जुदा और अकेला महसूस किया।

ज़ैक ने इतना सहा कि कई दफ़ा मेरे दिल ने यही कहा कि काश ख़ुदा उसे अपने घर बुला ले, क्योंकि अपने बेटे को इस तरह तड़पते देखना मेरे लिए बर्दाश्त के बाहर था।

शायद यही वजह है कि मैं हागार (उत्पत्ति १६और उत्पत्ति २१) की कहानी से बहुत गहराई से जुड़ पाती हूँ।

हागार, सारा की ग़ुलाम थी और उसने सारा की बाँझपन के कारण, अब्राहम के बेटे, इस्माईल को जन्म दिया। मगर जब सारा और अब्राहम का अपना बेटा इसहाक पैदा हुआ और वह बड़ा होने लगा, तो हागार और इस्माईल को घर से बे-दख़ल कर दिया गया।

वे जंगल में भटकते रहे, यहाँ तक कि उनके पास का पानी भी ख़त्म हो गया। वह मंज़र बेहद दर्दनाक था—हागार ने इस्माईल को एक झाड़ी के नीचे छोड़ दिया और ख़ुद कुछ दूरी पर जाकर बैठ गई, क्योंकि वह अपने बेटे को मरते हुए नहीं देख सकती थी (उत्पत्ति २१:१५-१६)।

टूटी हुई, ठुकराई हुई और ना-उम्मीद से भरी—हागार अपने बेटे की हालत बदलने में बेबस थी। सारा और अब्राहम जैसे अपने मालिकों से हागार ठुकराई हुई थी, जीन पर वो निर्भर थी, लेकिन ख़ुदा ने उसे कभी नहीं छोड़ा।

ख़ुदा ने एक फ़रिश्ते के ज़रिये उसे यक़ीन दिलाया कि वह उसके दर्द से वाक़िफ है। उसने हागार को अपना वादा याद दिलया कि इस्माईल भी एक बड़ा राष्ट्र बनेगा और फ़िर उसकी ज़रूरत पूरी की। ख़ुदा ने हागार की आँखें खोल दीं और उसके सामने ही एक कुआँ नज़र आया (उत्पत्ति २१:१७-१९)।

कभी-कभी ख़ुदा हमारी ज़िंदगी में ऐसे बोझिल और मुश्किल हालातों को आने देता है जो हमारी क्षमता और सहनशक्ति से कहीं बढ़कर होते हैं, ताकि हम यह जान सकें कि वह हमें कभी नहीं छोड़ेगा और न त्यागेगा।

ख़ुदा की नज़र जैसे हागार और इस्माईल पर थी, वैसे ही आप पर भी हैं! ख़ुदा आपके हालातों से वाक़िफ है! आप न तो त्यागे गए है और न ही भुलाये गए हैं!

आप एक चमत्कार हैं।

Jenny Mendes
Author

Purpose-driven voice, creator and storyteller with a passion for discipleship and a deep love for Jesus and India.