ख़ुदा ने मुझे बचाया क्योंकि वह मुझ से ख़ुश है।
भारत में लंबी और गोरी होने की एक ख़ासियत कभी-कभी यह भी बन जाती है कि अनचाही नज़रें और अतिरिक्त ध्यान खींचा जा सकता है।
कॅमरॉन और मेरे बीच एक ख़ास इशारा तय है। जब मैं किसी असुविधाजनक स्थिति में होती हूँ—जैसे कि शॉपिंग के वक़्त, जब चारों ओर से ज़िद्दी दुकानदार घेर लेते हैं या मुंबई की सड़कों पर जब लोग तस्वीर खिंचवाने के लिए आ जाते हैं—तो मैं कॅमरॉन का ध्यान मेरी ओर करने के लिए, मुँह से सीटी बजाती हूँ और वह तुरंत मेरी मदद के लिए हाज़िर होता है। 🥰
हमें सबको कभी-न-कभी कहीं-न-कहीं बचाए जाने की ज़रूरत होती है।
यहाँ तक कि दाऊद राजा, जो एक फ़ौलादी योद्धा और वफ़ादार राजा था, उसे भी ऐसे हालतों का सामना करना पड़ा जो उसके क़ाबिलियत से बाहर थे।
“मैं पानी की तरह बहा दिया गया हूँ, और मेरी हड्डियाँ टूट-फूट सी हो गई हैं। मेरा दिल मोम बन गया है; भीतर ही भीतर पिघल गया है। मेरा मुँह सूख कर मिट्टी का टुकड़ा बन गया है, और मेरी ज़ुबान मुँह की छत से चिपक गई है; तुम मुझे मौत की धूल में डाल देते हो।” – भजन संहिता २२:१४-१५
शायद दाऊद ने इन अल्फ़ाज़ों को ऐसे मुश्क़िल हालातों में लिखा था:
- जब उसने उस १० फ़ुट के बड़े और तजुर्बेकार योद्धा, गोलियत का सामना किया, जिसने शाऊल की पूरी फ़ौज को डराकर रख दिया था (१ शमूएल १७)।
- जब वह बरसों तक राजा शाऊल से अपनी जान बचाकर भागता रहा, हमेशा एक क़दम आगे रहने की कोशिश करता हुआ, और हर दग़ाबाज़ से बचते हुआ (१ शमूएल २०–२६)।
- जब उसे अपने ही बेटे अबशालोम से भागना पड़ा, जिसने उसके राज्य पर कब्ज़ा करने की साजिश की थी (२ शमूएल १५)।
इन सब हालातों में दाऊद ने सिर्फ़ ख़ुदा पर ऐतबार किया, और जब ख़ुदा ने उसे उसके दुश्मनों से अमन बख़्शा, तब दाऊद ने लिखा:
“उसने ऊपर से हाथ बढ़ाकर मुझे थाम लिया; गहरे पानी से मुझे निकाल लिया। उसने मुझे मेरे ताक़तवर दुश्मन और उन शत्रुओं से छुड़ाया जो मुझसे बहुत ज़्यादा शक्तिशाली थे। वे मेरी तबाही के दिन मुझ पर टूट पड़े, लेकिन ख़ुदा मेरा आधार बना। उसने मुझे महफूज़ जगह पर लाया; ख़ुदा ने मुझे बचाया क्योंकि वह मुझ से ख़ुश है।” – २ शमूएल २२:१७-२०
कभी-कभी ख़ुदा हमारी ज़िंदगी में ऐसे बोझिल और मुश्किल हालातों को आने देता है जो हमारी क्षमता और सहनशक्ति से कहीं बढ़कर होते हैं, क्योंकि सिर्फ़ तब ही हम उसे अपने बचानेवाले के रूप में जान सकते हैं।
क्या आज आपको भी बचाए जाने की ज़रूरत है? तो यीशु मसीह को पुकारें!