हमें नहीं मालूम कि हमे क्या करना है, पर हमारी नज़रे तुझ पर लगी हैं।
क्या आपने कभी यह मशहूर जुमला सुना है — ‘आप यह कर सकते हैं?’
यह अल्फ़ाज़ हमें हिम्मत और हौसला देते हैं और यह एहसास दिलाते हैं कि अगर हम थोड़ी और मशक्क़त करें और अपने अंदर गहराई तक जाएँ, तो मुश्किल काम भी मुक़्क़म्मल हो सकते हैं। और क्या आपको पता हैं, ज़्यादातर यह सच है।
ख़ुदा ने हमें अनोखी क़ाबिलियत अता की है, जिससे हम बड़े और मुश्किल से मुश्किल काम भी कर सकते हैं। यह वाक़ई हैरानी की बात है कि, इंसान अपने इरादे से बहुत कुछ हासिल कर सकता है।
लेकिन कभी-कभी हम ऐसे हालात में फँस जाते हैं जहाँ हमारे बस की बात नहीं होती हैं। हालात इतने मुश्किल हो जाते हैं कि हम उन्हें अपने दम पर क़ाबू ही नहीं कर सकते।
तो फ़िर सवाल उठता है, ख़ुदा हमारे ज़िंदगी में ऐसे हालात आने क्यों देता है? इसी मुद्दे पर हम इस हफ़्ते ग़ौर करनेवाले हैं।
अच्छी ख़बर यह है कि, इसमें हम अकेले नहीं हैं। बाइबल ईमान के हिरोज़ की कहानियों से भरपूर है, जो ऐसे हालात से गुज़रे हैं, जहाँ सिर्फ़ “आप यह कर सकते हैं” कहना काफ़ी नहीं था।
राजा यहोशाफ़ात, एक बेहतरीन मिसाल है — (२ इतिहास २०), वह एक बड़ी फ़ौज का मुक़ाबला कर रहा था, जो बे-वजह यहूदा पर हमला करने आ रही थी। अपनी मुश्किल हालात में उसने दुआ की:
*“इस बड़ी फ़ौज का मुक़ाबला करने की ताक़त हमारे पास नहीं है। हमें नहीं मालूम कि हमे क्या करना है, पर हमारी नज़रे तुझ पर लगी हैं।” — २ इतिहास २०:१२
यह दुआ हमारी भी सबसे ज़्यादा की गई दुआओं में से एक बन गई, जब हमारा बेटा ज़ैक अस्पताल में था:“हमें नहीं मालूम कि हमे क्या करना है, पर हमारी नज़रे तुझ पर लगी हैं।”
ख़ुदा ने नबी यहज़ीएल के ज़रिए, राजा यहोशाफ़ात को यह जवाब दिया:
*“इस बड़ी फ़ौज से मत डर और हताश मत हो, क्योंकि यह जंग तुम्हारी नहीं, बल्कि ख़ुदा की है।” — २ इतिहास २०:१५
अगली सुबह, ख़ुदा ने घात लगाकर उनके दुश्मनों को आपस में लड़वा दिया। जब यहोशाफ़ात की फ़ौज मैदान-ए-जंग पहुँची, तो सारे दुश्मनों की पहले से ही मौत हो चुकी थी। कोई भी बचा नहीं। उन्हें सिर्फ़ यह करना था कि लूट को लेकर जाएँ!!
कभी-कभी ख़ुदा हमारी ज़िंदगी में ऐसे बोझिल और मुश्किल हालातों को आने देता है जो हमारी क्षमता और सहनशक्ति से कहीं बढ़कर होते हैं, ताकि हम अपनी नज़रें सिर्फ़ उसी पर लगाए रखे।
अगर आप भी ऐसे मोड़ पर हैं जहाँ हर तरफ़ सिर्फ़ आफ़त दिखाई दे रही हैं और बाहर निकलने का कोई रास्ता नज़र नहीं आ रहा हैं, तो राजा यहोशाफ़ात की तरह अपनी नज़रें ऊपर उठाकर यह यक़ीन करें की जंग आपकी नहीं, बल्कि ख़ुदा की है और उसमे आपकी जीत पक़्की हैं।