पश्चाताप करते वक़्त, शुक्रगुज़ार रहे।
क्या कभी आपने ख़ुद को एक ऐसी मुसीबत या उलझन में फँसा पाया है, जिसकी वजह दरअसल आपकी अपनी ही ग़लती हो?
एक दफ़ा, दूर-दराज़ के गाँव में वरशिप कॉन्सर्ट के बाद, मेरी टीम का एक साथी मुंबई लौटने के लिए रात की बस पकड़ने पर अड़ गया। सब समझाने पर भी उसने नहीं माना। अकेले बस स्टॉप पर इंतज़ार करते वक्त, कुछ लोगों ने उसे चाकू दिखाकर लूट लिया। शुक्र है कि उन्होंने उसकी जान नहीं ली, लेकिन उस रात बस लेने का फैसला उसे गहरा पछतावा दे गया।
योना भी बिल्कुल ऐसी ही एक मुश्किल में फँस गया था।
ख़ुदा ने उसे निनवे शहर जाकर लोगों को अपने गुनाहों से मन फ़िराने की चेतावनी देने को कहा था। लेकिन योना दूसरी दिशा में भाग गया और एक जहाज़ में चढ़ गया। जब भयंकर तूफ़ान उस जहाज़ को डुबाने लगा, योना ने जाना कि यह ख़ुदा का इंसाफ़ है और उसने नाविकों से कहा कि उसे समुंदर में फेंक दे। फ़िर उसे एक बड़ी मछली ने निगल लिया (योना १)।
मछली के पेट में, योना ने अपनी बग़ावत के लिए पश्चाताप किया और ख़ुदा से मदद मांगी।
महज़ इतना ही नहीं, वह ‘शुक्रगुज़ारी की पुकार’ भी बुलंद करता है। (योना २:९)।
ईमानदारी से कहूँ, तो मेरे लिए मछली के पेट में रहकर शुक्रिया करना काफ़ी मुश्किल होता 🤷🏻, मगर योना ने शुक्रगुज़ारी का रवैया अपनाया।
क्या आपको लगता है कि आप ज़िंदगी से हार चुके हैं, या योना की तरह मछली (नाउम्मीद, पछतावा और टूटेपन) के पेट में फंसे हुए हैं? अपनी पश्चाताप की दुआओं में शुक्रगुज़ारी शामिल करें। यीशु मसीह के क़ुर्बानी, उद्धार और अब्दी ज़िंदगी के लिए ख़ुदा का शुक्रिया करें।
ख़ुदा ने यशायाह के ज़रिए कहा:
*“तुम्हारा उद्धार, पश्चाताप और सुकून में है - ख़ामोशी और ऐतबार में तुम्हारी ताक़त है।” – यशायाह ३०:१५
इस जानकारी पर यक़ीन करें कि आपके गुनाह माफ़ कर दिए गए हैं - और अब ख़ुदा की असीमित फ़ज़ल के लिए उसका शुक्रिया अदा करें।