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Publication date 10 नव. 2025

छोटे बच्चों की तरह बन जाइए।

Publication date 10 नव. 2025

क्या आपने कभी वो रील्स देखी हैं जहाँ माता-पिता बच्चों की तरह बर्ताव करना शुरू कर देते हैं, जैसे अजीब और परेशान करनेवाली बातें करना, खाना बिखेरना, ग़ुस्सा करना, ज़ोर-ज़ोर से रोना? ये देखने में मज़ेदार और थोड़ा सा हँसी-मज़ाक में बेहूदा भी लगता है। 🤣

लेकिन जब यीशु मसीह ने बच्चों का ज़िक्र किया, उसने यह कहा:

“मैं तुम से सच कहता हूँ, जब तक तुम बदल नहीं जाते और बच्चों जैसे नहीं बनते, तुम स्वर्ग के राज्य में दाख़िल न हो पाओगे। जो कोई अपने आप को बच्चे के समान नम्र करेगा, वही स्वर्ग के राज्य में बड़ा कहलाएगा। और जो कोई मेरे नाम से एक ऐसे बच्चे को स्वीकारता है वह मुझे स्वीकारता है।” मत्ती १८:३-५

कल, बच्चे जैसी नम्रता पर कॅमरॉन ने कुछ लिखा था और इस हफ्ते, चिल्ड्रन्स डे के अवसर पर, मैं मत्ती १८:३ के आधार पर, आपसे बच्चे सा ईमान के विषय पर बातचीत करना चाहती हूँ ।

जब चेलों ने यीशु मसीह से यह पूछा, “तो स्वर्ग के राज्य में सबसे महान कौन है?” (मत्ती १८:१) तब उसने यह फ़रमाया—”जो इंसान बचपना अपनाता हैं।”

हम सभ महानता की ख़्वाहिश रखते हैं और चेलों के इस इंसानी सवाल से यह साफ़ ज़ाहिर होता हैं। 

यीशु मसीह फ़िर से कहता हैं कि उसके राज्य में चीजें बिल्कुल अलग तरीके से काम करती हैं।

“लेकिन जो पहले हैं, वे आख़िर में होंगे, और जो आख़िर में हैं, वे पहले होंगे।” मरकुस १०:३१ 

यीशु मसीह महानता को फ़िर से परिभाषित करता है—जो इस ज़माने के मुताबिक़ विपरीत है। उसके नज़र में, ऊपर जाने के लिए पहले नीचे से शुरुआत करनी पड़ती है। बुलंदियों का अंजाम, निचे के आग़ाज़ से तय होता है.  

क्या यीशु मसीह यह सुझाव दे रहा है कि जब ज़िंदगी हमारे मुताबिक़ न चले तब हमें बचकाना करना चाहिए? जैसे बेहूदापन या बेवजह का ग़ुस्सा? बिल्कुल नहीं! वह हमें बचकाना नहीं, बचपना अपनाने की सलाह दे रहा है। और इन दोनों में ज़मीन आसमान का फ़र्क़ है।

छोटे बच्चों जैसे बनने का मतलब है—आत्मनिर्भरता को निर्भरता में बदलना, अहंकार को नम्रता में बदलना, शक़ को यक़ीन में बदलना, विरोध को खुलेपन में बदलना और डर को बे-खौफ़ में बदलना।

आने वाले दिनों में, मैं आपसे छह ख़ूबसूरत गुणों के बारे में बात करना चाहती हूँ, जो बच्चे सा यक़ीन में पाए जाते हैं।क्या आप मेरे साथ इस रूहानी सफ़र में चलना पसंद करोगे?

आप एक चमत्कार हैं।

Jenny Mendes
Author

Purpose-driven voice, creator and storyteller with a passion for discipleship and a deep love for Jesus and India.