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Publication date 31 अक्टू. 2025

वो इंसान को अपने असली घर ले जाने आया – टिम केलर

Publication date 31 अक्टू. 2025

क्या आपने कभी घर पर रहते हुए भी अपने आपको घर से दूर महसूस किया है?

कॅमरॉन और मैंने तीन अलग-अलग देशों में लंबे अरसे तक ज़िंदगी गुज़ारी है—भारत, अमरीका और नीदरलैंड्स। इसी वजह से हम तीन जगहों को अपना घर मानते हैं—लेकिन फ़िर भी, किसी एक जगह पर हमें पूरी तरह अपने घर जैसा अहसास नहीं होता।

जहाँ भी हम रहते हैं, हमें हमेशा बाकी दो जगहों की कमी महसूस होती है। ऐसा लगता है मानो हम एक ही वक़्त पर घर में भी हैं और घर से दूर भी।

बाइबल भी उन लोगों की कहानियों से भरी हुई है जो घर की یاد में तड़पते रहे। कुछ, जैसे ‘अय्याश बेटा’ (लूका १५:११–३२), जिसने ख़ुद घर छोड़ने का चुनाव किया था। कुछ, जैसे इस्राएली लोगों को अपने ही देश से बे-दख़ल कर के, बेबीलोन के अनजान देश में लिया गया था (२ राजा २४:१२–१४)। और कुछ हालात की मजबूरी से दूर हुए, जैसे याकूब (उत्पत्ति २७:४२–४४), यूसुफ़ (उत्पत्ति ३७:२६–२८) और मूसा (निर्गमन २:१५)।

बाइबल में निर्वासन का ज़िक्र बार-बार आता है, क्योंकि उसके पीछे एक गहरी रूहानी सच्चाई छिपी है।

असल में, हम सब निर्वासित हैं—सब खोए हुए बेटे और बेटियाँ, जो अपने असली घर की तलाश में हैं।

हर इंसान का दिल उस जगह की तलाश करता है, जहाँ वो अपने असली पहचान को हासिल कर सके—जहाँ सच में घर जैसा लगे।

चाहे आपका बचपन का घर कितना ही अच्छा क्यों न रहा हो, वो कभी भी मुक़म्मल सुक़ून नहीं दे सकता।

क्यों? क्योंकि हमें इस टूटे हुए जहाँ के लिए निर्माण नहीं किया गया था।

हमें तो ख़ुदा के साथ क़रीबी रिश्ते में जीने के लिए बनाया गया था, जैसे आदम और हव्वा एदन बाग़ में ख़ुदा के साथ चलते थे (उत्पत्ति ३:८)। वही हमारा असली घर था, वही हमारी असली ज़मीन थी, जिसके लिए हमें बनाया गया था।

लेकिन दुनिया का सबसे पहला निर्वासन तब हुआ जब आदम और हव्वा के ज़रिए गुनाह दाख़िल हुआ और ख़ुदा ने उन्हें उस बाग़ से बे-दख़ल किया (उत्पत्ति ३:२३)।

शुक्र है कि, यीशु मसीह के ज़रिए, रहमत और फ़ज़ल आई, और उस निर्वासन के बदले में हमें घर-वापसी का अनमोल तोहफ़ा मिला (रोमियों ५:१२–१५)।

“यीशु मसीह महज़ एक ही देश को सियासी ज़ुल्म से आज़ाद करने नहीं, बल्कि हम सबको गुनाह, बुराई और मौत से बचाने आया था। वो इंसान को अपने असली घर ले जाने आया।” – टिम केलर

क्या आप घर लौटना चाहतें हैं?

आप एक चमत्कार हैं।

Jenny Mendes
Author

Purpose-driven voice, creator and storyteller with a passion for discipleship and a deep love for Jesus and India.