अपनी जान की क़ीमत पर यीशु मसीह ने हमारे गुनाहों का क़र्ज़ चुकाया – टिम केलर
कुछ वक़्त पहले, कॅमरॉन और मुझे ऐम्स्टरडैम के सबसे ख़ास और महंगे एशियन रेस्टोरेंट में खाना खाने का मौक़ा मिला था। पर बिल की रक़म ₹२०,००० देख कर हम आश्चर्यचकित हुए। 😲
अब, हम कभी भी अपने पैसों से खाने पर इतना खर्च नहीं करते - और अगर किसी दोस्त या परिवार के साथ किसी होटल में जाना चाहे तो यक़ीनन हम बहुत ही सस्ता जगह चुनते। इतना शानदार और महंगा डिनर क़ुबूल करना हमें भी असहज लगता!
तो फिर हम वहाँ क्यों गए? क्योंकि हमें ₹२०,००० के गिफ़्ट वाउचर मिले थे—पहले से ही अदा किए हुए और सिर्फ़ उसी रेस्टोरेंट के लिए मान्य। न उन्हें लौटाया जा सकता था, न ही पैसों में बदला जा सकता था। यह क़ीमत पहले ही चुकाई गई थी और चुकाने वाला अनजान था। मगर इतना शानदार तोहफ़ा हम भला कैसे ज़ाया कर देते!
और सच कहूँ तो—वो बेहद महंगा और मुफ़्त खाना लज़ीज़ और लाजवाब था! 🤤
कल हमने अय्याश बेटे की कहानी के बारे में बात की थी जिसमें छोटे बेटे की वापसी होती है (लूका १५:११-३२)।
उसकी घर वापसी बड़े भाई की क़ीमत पर हुई थी। पिता के जायदाद में उसकी हिस्सेदारी अब कम हो जानी थी, क्योंकि छोटे भाई को फ़िर से बेटे का दर्जा मिल गया। यानी, बड़े भाई को अपने भाई की अय्याशी और लापरवाही की माफ़ी की क़ीमत चुकानी पड़ी।
ठीक उसी तरह, यीशु मसीह ने हमारे गुनाहों की क़ीमत चूका दी:
“ख़ुद श्राप बनकर, यीशु मसीह ने हमें क़ानून के श्राप से आज़ाद किया, क्योंकि लिखा है, “श्रापित है वह जिसे क्रूस पर लटकाया जाता है।” – गलातियों. ३:१३
फ़र्क़ बस इतना है कि यीशु मसीह ने पूरा दाम चुका दिया है! उसकी माफ़ी बिल्कुल उस ख़ास गिफ़्ट वाउचर की तरह है—बेहद क़ीमती, अनमोल और जिस पर आपका नाम लिखा है!
इसे आप कभी कमा नहीं सकते, और कोशिश करने का भी कोई मतलब नहीं, क्योंकि इसका दाम पहले ही अदा किया जा चूका है।
“क्योंकि आप फ़ज़ल से और ईमान के ज़रिये बचाए गए हैं — और यह आपसे नहीं, बल्कि ख़ुदा की तरफ़ से दिया हुआ तोहफ़ा है। यह किसी के कार्य से नहीं, ताकि कोई घमंड कर सके।” – इफिसियों २:८-९
आज आपका क्या फ़ैसला है—क्या आप इसे क़ुबूल करेंगे, या ज़ाया जाने देंगे?