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Publication date 29 अक्टू. 2025

माफ़ी हमेशा क़ीमत की माँग करती है – टिम केलर

Publication date 29 अक्टू. 2025

क्या आपने कभी कुछ ख़रीदा है जो मुफ़्त भी था और बहुत महँगा भी? 🤔

ये सुनने में एक पहेली जैसा लगता है, है ना?

दरअसल, माफ़ी के बारें में, बाइबल हमें यही सिखाती है: ये बहुत महँगी है, इसकी क़ीमत सबसे ऊँचे दाम पर अदा की गई हैं —और फ़िर भी ये हमें मुफ़्त मिली है!

इस सच्चाई की सबसे ख़ूबसूरत मिसाल अय्याश बेटे (लुक़ा १५:११-३२) की कहानी से मिलती है।

इस कहानी में, छोटा बेटा अपनी बग़ावती ज़िंदगी छोड़कर घर लौटता है और उसका पिता उसे खुले दिल से अपनाता है—बिना किसी क़ुर्बानी, बिना किसी अदायगी और किसी सज़ा के। उस बेटे के लिए उसकी वापसी और फ़िर से परिवार में शामिल होना, बिल्कुल मुफ़्त था。

इसी वजह से लोग कहते हैं, “देखो, माफ़ी तो हमेशा मुफ़्त होनी चाहिए।” और ये सच है—माफ़ी हमेशा मुफ़्त होनी चाहिए। लेकिन असलियत ये है कि माफ़ी कभी मुफ़्त नहीं होती।टिम केलर लिखते हैं:

" माफ़ी और रहम, ग़लती करने वाले के लिए हमेशा मुफ़्त और बिन-लायक़ होनी चाहिए। अगर ग़लती करने वाले को इसे हासिल करने के लिए कुछ करना पड़े, तो ये रहम नहीं कहलाएगी। लेकिन असल में माफ़ी देने वाले को हमेशा इसकी क़ीमत चुकानी पड़ती है।”

अय्याश बेटे की कहानी में, छोटे बेटे की माफ़ी की क़ीमत सिर्फ़ पिता को ही नहीं बल्कि बड़े बेटे को भी चुकानी पड़ी। छोटे को वापस क़बूल करके, पिता ने असल में उसे दोबारा जायदाद में हिस्से का हक़ दे दिया — ऐसी विरासत जो अब बड़े भाई के हक़ से निकलकर मिलनी थी।

यानि छोटे बेटे को फ़िरसे स्थापित करने और अपना बनाने की राह, पिता के लिए तभी खुली, जब उस राह की क़ीमत बड़े बेटे की हिस्सेदारी से अदा हुई।

ज़िंदगी में भी यही होता है। अगर कोई आपका मोबाइल तोड़ दे, तो आपके पास दो रास्ते हैं। पहला - आप उनसे उसकी क़ीमत वसूल करें, या दुसरा - आप उन्हें मुफ़्त में माफ़ कर दें और ख़र्च अपनी जेब से भरें।

इसका मतलब है, माफ़ी हमेशा क़ीमत की माँग करती है।

हमारे गुनाहों की माफ़ी की क़ीमत तो बेहिसाब थी जो हमारे बड़े भाई, यीशु मसीह ने सूली पर अदा की। उसने हमारे गुनाहों के हिस्से का पूरा बोझ अपने ऊपर लिया, ताकि हम बिल्कुल मुफ़्त में अपने घर ख़ुदा की मोहब्बत भरी बाहों में लौट सकें।

"दिल की गहराइयों में छिपे डर और ग़ुस्से को मोहब्बत, ख़ुशी और शुक्रगुज़ारी में कैसे बदला जा सकता है? ऐसे — जब आप सचमुच यह समझते है कि आपको घर लौटाने के लिए कितनी बड़ी क़ीमत चुकाई गई थी।” - टिम केलर

आज, यीशु मसीह का शुक्र अदा करें, जिसने क्रूस पर हमारी माफ़ी के लिए क़ीमत चुकाई है। 🙏

आप एक चमत्कार हैं।

Jenny Mendes
Author

Purpose-driven voice, creator and storyteller with a passion for discipleship and a deep love for Jesus and India.