ख़ुदा हमारे प्रति हद से ज़्यादा दिलदार है - टिम केलर
करीब दो महीने पहले मैंने टिम केलर द्वारा लिखित ‘द प्रोडिगल गॉड’ (बेपरवाह फज़ल का ख़ुदा) से प्रेरित, “अय्याश बेटे” की कहानी पर एक सीरीज़ लिखी थी जो कई लोगों को बेहद पसंद आई। इस कहानी में अभी बहुत कुछ तलाशना बाकी है, तो मैंने सोचा—अब वक़्त है उसके दूसरे भाग को ज़ाहिर करने का!
अगर आपसे पहला भाग छूट गया है, तो वह अभी भी हमारी वेबसाइट पर मौजूद है। बस सितंबर तक स्क्रॉल कर लीजिए।
और अगर आप इस कहानी को दोबारा पढ़ना चाहते हैं, तो लूका १५:११-३२ में पढ़ सकते हैं:
मेरीअम–वेब्स्टर शब्दकोश के अनुसार, “अय्याश” शब्द का मतलब है:
- फ़िज़ूल और हद से ज़्यादा ख़र्च करने वाला।
- दौलत लूटाने का बेपरवाह रवैया।
कहानी में यह साफ़ ज़ाहिर होता है कि छोटे बेटे को “अय्याश” क्यों कहा गया—उसने अपनी सारी दौलत फ़िज़ूल-ख़र्ची और उजाड़ ज़िंदगी में बर्बाद कर दी (आयत १३)।
लेकिन ऐसा लगता हैं कि पिता ने भी कोई समझदारी का इस्तेमाल न करते हुए, अपने बेटे के माफ़ी माँगने से पहले ही, उसने उसे फ़िर से विरासत का हक़दार बना दिया।
पिता को कैसे पता था कि उसका छोटा बेटा वही हरक़त दोबारा नहीं करेगा? उसे नहीं पता था। उसने बस यक़ीन करने का चुनाव किया और अपने बेटे को अपनाकर, अपने साथ एक मोहब्बत भरे रिश्ते में पुनर्स्थापित किया।
यही वजह है कि टिम केलर ने अपनी क़िताब का नाम ‘बेपरवाह फज़ल का ख़ुदा’ रखा। वह पिता, जो हमारे आसमानी पिता का प्रतिक है, उसकी रहमत और फ़ज़ल, बेटे की फ़िज़ूल-ख़र्ची से कहीं ज़्यादा “बेपरवाह” और असीम थी.
केलर लिखते हैं:
“अपने माफ़ी माँगते बेटे का स्वागत, पिता ने बे-लग़ाम और बे-परवाह मोहब्बत से किया। उसने न तो बेटे के गुनाहों का हिसाब लगाया और न ही किसी तरह की अदायगी या बदला माँगा। यही बेमिसाल रवैया, बड़े बेटे के लिए, और शायद पूरे समाज के लिए, चुभने वाला बन गया।”
ख़ुदा का मक़सद आपको सज़ा देना या आपसे हिसाब लेना नहीं है। बल्कि वह आपसे सुलह करना चाहता है—चाहे आपने ज़िंदगी में कितनी भी ग़लतियाँ क्यों न की हों।
*“सब कुछ ख़ुदा की ओर से है - वही जिसने यीशु मसीह के ज़रिये, हमारे साथ सुलह किया और हमें भी यह सुलह कराने की सेवा सौंपी हैं कि ख़ुदा, यीशु मसीह में, दुनिया के साथ सुलह कर रहा है और उनके गुनाह नहीं गिन रहा है - और यही सुलह का पैग़ाम उसने हमें सौंपा है।” – २ कुरिन्थियों ५:१८-१९
क्या आप आज अपने आसमानी पिता के साथ सुलह करना चाहेंगे? वही करें जो उस छोटे बेटे ने किया—वापस लौट आइए और बस यह कहें: “मैं यहा हूँ … मैं लौटकर तेरे पास आना चाहती हूँ।”