मैंने अपनी बे-राहत मेहेरबानी से तुझे अपनी तरफ़ खींच लिया है।
क्या कभी आप सच में, भीड़ में खो गए हैं — और फ़िर किसी ने आपको ढूंढ लिया हो? मेरे साथ कुछ ऐसा हुआ था।
मुझे याद है, जब मैं छह साल का बच्चा था, मुंबई की एक रौनक़ भरी भीड़भाड़ वाली बाज़ार में अपने माँता-पिता के साथ गया था। मेरे पिता को लगा कि मैं अपने माँ के साथ हूँ, माँ को लगा कि मैं अपने पिता के साथ हूँ—और मैं वहीं उस भीड़ में रह गया - अकेला, बे-हिफाज़त और पूरी तरह से डरा हुआ।
मैं चिल्लाकर रो पड़ा, मगर मेरी छोटी सी आवाज़ उस बाज़ार के शोर में दफ़न हो गई और मुझे रोते हुए देख कर लोगों को लगा की मैं शायद एक शरारती बच्चा था।
फ़िर अचानक से, मेरे पिता, भीड़ के शोर के बीच, मेरा नाम पुकारते हुए, मेरी तरफ़ दौड़ रहे थें। मैंने उनकी ख़ोजती हुईं आँखों में सुक़ून पा लिया और खुली बाँहों में हिफाज़त। यही है ख़ुदा की ‘अगापे मोहब्बत’। वो हमारी ज़िंदगी के शोर के बीच, हमें ढूँढती है, पुकारती है और कभी हमें यूँ अकेला भटकने नहीं देती।
ख़ुदा ने यिर्मयाह नबी के ज़रिए कहा—
*“मैंने तुझसे क़ायम की मोहब्बत की है (अगापे मोहब्बत)।” – यिर्मयाह ३१:३
ये उन लोगों को तसल्ली देने के लिए था, जिनको अपने घर और अपनी सर-ज़मीन से बे-दख़ल किया और जिन्हें दर्द और बे-यक़िनी का मुक़ाबला भी करना पड़ा था। उनकी मुश्किलों के बीच भी, ख़ुदा उन्हें—और हमें—याद दिलाता है कि उसकी मोहब्बत कितनी गहरी और क़ायम रहने वाली है।
ज़रा एक पल ठहरकर, साँस लीजिए और फ़िर उस आयत के दूसरे हिस्से को अपने दिल में उतरने दीजिए। ख़ुदा कहता है:
*“मैंने अपनी बे-राहत मेहेरबानी से तुझे अपनी तरफ़ खींच लिया है।”
ये आयात आपसे क्या कहती है? मुझे तो ये ख़ुदा की ‘अगापे मोहब्बत’ की ख़ामोश ताक़त की याद दिलाती है — नरम, सब्र रख़ने वाली और कभी न हार मानने वाली।
जैसे मेरे पिता मुझे ढूँढते रहे, जब तक मुझे पा न लिया, वैसे ही आपका आसमानी पिता, हमेशा आपको अपनी मोहब्बत की डोर से अपनी तरफ़ खींच रहा है।
“मोहब्बत की डोर और इंसानी मेहरबानी से, मैंने उनकी रहनुमाई की - उनके लिये मैं वैसा था जैसे कोई छोटे बच्चे को गाल तक उठाता और झुककर खिलाता” – होशे ११:४
मुझे ये लॉरेन डेगल का गीत याद दिलाता है— “रेस्क्यू”
मैं तुम्हें ढूँढने के लिए, सबसे अँधेरी रात के बीच भी एक फ़ौज भेजूंगा, हाँ। ये सच है, मैं तुम्हें बचाऊँगा। तुम तक पहुँचने के लिए, कभी नहीं रुकूँगा, सबसे मुश्किल जंग के बीच भी, हाँ। ये सच है, मैं तुम्हें बचाऊँगा।
ख़ुदा आपसे बेपनाह मोहब्बत करता हैं, उसने आपको बे-हिसाब फज़ल दिया है और बेशुमार बरक़त से भर दिया है!