हमे ख़ुदा की मोहब्बत से, कुछ भी जुदा नहीं कर सकता

क्या आज आपने ख़ुदा की मोहब्बत को महसूस किया है?
मैं दिल से उम्मीद करता हूँ कि आपका जवाब 'हाँ' होगा। लेकिन मैं यह भी जानता हूँ कि कुछ लोगों के लिए यह सवाल थोड़ा चुभने वाला या असहज हो सकता है।
आख़िरकार, हर इंसान ख़ुदा की मोहब्बत को अपने-अपने अंदाज़ में महसूस करता है। जब हमारी दुआएँ क़ुबूल हो जाती हैं, तो हमें उसकी मोहब्बत का गहरा और मीठा एहसास होता है। लेकिन ऐसे वक़्त भी आते हैं, जब हमारी तमन्नाओं की राहें बहुत दूर और धुंधली लगती हैं और उस घड़ी हमें ऐसा महसूस होता है मानो हम भुला दिए गए हो, या छोड़ दिए गए हो।
मेरे और जेनी के लिए यह क़शमक़श बिल्कुल हक़ीक़त रही है। ज़ैक की मुश्किल और गंभीर बीमारी के सालों में, ऐसे अनगिनत लम्हे आए जब हम इतने नाउम्मीदी से भरे हुए थे कि, ख़ुदा से हमने यह सवाल किया: "क्या तू अब भी हमसे मोहब्बत करता है? क्या तू वाक़ई ज़ैक से मोहब्बत करता है?"
जी हाँ! हमने ऐसे ही सवाल किए थे।
क्या आपके दिल में ऐसा ही कोई सवाल है?
अगर है, तो आज मैं आपको यह याद दिलाना चाहता हूँ कि ख़ुदा की ‘अगापे मोहब्बत’ आप के लिए इतनी गहरी, इतनी चौड़ी और इतनी ताक़तवर है कि, यह आपकी हर मुश्किल से बड़ी है जिनका आप अभी मुक़ाबला कर रहे हैं।
प्रेरीत पौलुस रोमियों ८:३८–३९ में लिखता हैं:
*"क्योंकि मुझे पूरा यक़ीन है कि न मौत हमें जुदा कर सकती है, न ज़िंदगी; न फ़रिश्ते, न शैतानी आत्माए; न आज का वक़्त, न आने वाला; न कोई ताक़त, न कोई ऊँचाई या गहराई—बल्कि पूरी क़ायनात में कोई भी चीज़ ऐसी नहीं है जो हमें उस मोहब्बत से जुदा कर सकें, जो हमें मसीह यीशु में ख़ुदा की तरफ़ से मिली है।"
पौलुस ने इसे आसानी से नहीं; बल्कि पुर-यक़ीन के साथ लिखा है।
अपने ज़िंदगी में पौलुस ने ऐसे इम्तेहान, सताव और मुश्किलें सहीं जो किसी को भी यह सोचने पर मजबूर करेगी कि, क्या ख़ुदा असल में मोहब्बत करता है? मगर शक़ करने के बजाय, वह पूरे यक़ीन से ऐलान करता हैं कि ख़ुदा की मोहब्बत अटूट है।
न तूफ़ान, न अंधेरा, न वक़्त की बदलती चाल, न हमारी ग़लतियाँ—कुछ भी हमें ख़ुदा की मोहब्बत भरी बाहों से जुदा नहीं कर सकती।
तो इसका मतलब क्या है? इसका मतलब यह है कि जब दुआएँ बे-जवाब लगती हैं, जब बोझ बर्दाश्त से बाहर लगता है और जब शर्म या ग़ुनाह की वजह से आप अपने आपको नाक़ाबिल समझते है—तब भी ख़ुदा की मोहब्बत सच्ची और हक़ीक़त है।
जब दर्द और मुश्किलें आपके इर्द-गिर्द रहते हैं, तब भी ख़ुदा की ‘अगापे मोहब्बत’ आपको घेरे रहती है और पूरी क़ायनात में कोई भी चीज़ आपको उससे जुदा नहीं कर सकती।

