• HI
    • AR Arabic
    • CS Czech
    • DE German
    • EN English
    • ES Spanish
    • FA Farsi
    • FR French
    • HI Hindi
    • HI English (India)
    • HU Hungarian
    • HY Armenian
    • ID Bahasa
    • IT Italian
    • JA Japanese
    • KO Korean
    • MG Malagasy
    • MM Burmese
    • NL Dutch
    • NL Flemish
    • NO Norwegian
    • PT Portuguese
    • RO Romanian
    • RU Russian
    • SV Swedish
    • TA Tamil
    • TH Thai
    • TL Tagalog
    • TL Taglish
    • TR Turkish
    • UK Ukrainian
    • UR Urdu
Publication date 19 अक्टू. 2025

अगर यीशु मसीह ने दुआ की, तो हमें भी करना लाज़मी है

Publication date 19 अक्टू. 2025

यह हफ़्ता हमने दुआ करने के अच्छे वजहों पर ग़ौर किया है। दुआ इसीलिए ज़रूरी है क्योंकि:

  • यह नेकदिल की दुआ, ख़ुदा को भाती है।
  • यह आपके ध्यान को फ़िक्रों से हटा कर, ख़ुदा पर ले जाती है।
  • यह आपको आज़माइशों और वासनाओं से महफ़ूज़ रखती है।
  • यह आपके और ख़ुदा के बिच का गहरा रिश्ता बनाती है।
  • यह असरदार है।
  • यह हमारे अंदर सब्र, शख़्सियत और उम्मीद को जन्म देती है।

लेकिन अगर ये तमाम वजहें भी आपके लिए काफ़ी न हों, तो मैंने सबसे बेहतरीन और सबसे ताक़़तवर रखने वाली वजह आख़िर में बचा रखी है: अगर यीशु मसीह ने दुआ की, तो हमें भी करना लाज़मी है।

“सहर से पहले, अँधेरा रहते, यीशु मसीह जाग उठा और घर से दूर किसी एकांत जगह पर दुआ करने निकल पड़ा।” मरकुस १:३५

“कई बार यीशु मसीह एकांत जगह पर अकेले में दुआ करता था।” – लूका ५:१६

अगर यीशु मसीह, जो ख़ुद ख़ुदा है — वह दुआ करने की ज़रूरत महसूस करता था, तो हमें और भी ज़्यादा ज़रूरत है!

बाइबल के कई हिस्सों में हम देखते हैं कि यीशु मसीह बार-बार ख़ामोश और एकांत जगहों पर जाकर दुआ करता था। यह उसकी ज़िंदगी की प्राथमिकता थी—सेवा से पहले, सेवा के बाद, चाहे उसने कितने भी लोगों को चंगा किया हो, फिर भी उसने दुआ करने के लिए वक़्त निकाला।

लोगों के बिच सेवा शुरू करने से पहले, पवित्र आत्मा उसे रेगिस्तान में ४० दिन और ४० रात तक उपवास और दुआ करने ले गया (मत्ती ४:१-२).

और सूली पर चढ़ाए जाने से ठीक पहले, जब उसका सबसे ख़ौफ़नाक वक़्त था, उसने अपने चेलों से कहा कि गथसमनी बाग़ में उसके साथ जागते रहें और दुआ करते रहें (मरकुस १४:३२-४०).

अगर यीशु मसीह ने हर हाल और हालात में दुआ को पहला स्थान दिया, तो आपको भी करना लाज़मी हैं!

मैं आपको उत्साहित करना चाहती हूँ कि आप हर दिन दुआ के लिए वक़्त निकालिये। शायद आपके लिए सबसे अच्छा वक़्त सुबह उठने के बाद हो, या फिर सोने से ठीक पहले। जो भी वक़्त आप चुनें, अलार्म सेट करें और उस पर क़ायम रहें। दुआ को पहला स्थान और अहमियत दें।

आप एक चमत्कार हैं।

Jenny Mendes
Author

Purpose-driven voice, creator and storyteller with a passion for discipleship and a deep love for Jesus and India.