मेरे ख़यालात, तुम्हारें ख़यालों से परे हैं।

इस हफ़्ते हमने फ़िलिप्पियों ४:६-७ को हिस्सों में बाँटकर गहनता से समझने की कोशिश की है। और आज हम इस हिस्से पर पहुँचे हैं:
"फ़िक्र न करें, बल्कि हर बात के लिए दुआ करें। अपनी ज़रूरतें, ख़ुदा के सामने रखें और उसने अब तक़ जो किया है, उसके लिए शुक्रगुज़ार रहे। फ़िर तुम ख़ुदा का ऐसा सुक़ून महसूस करोगे जो समझ से परे है - और जैसे तुम मसीह यीशु में जी रहे है, वही सुक़ून, तुम्हारे दिलों और मनों को महफ़ूज़ रखेगा। – फिलिप्पियों ४:६-७
यह मुझे अय्यूब की बातों की याद दिलाती है, जब उसने कहा था:
"यक़ीनन, मैंने उन बातों के बारे में बात की जो मेरी समझ से परे थीं—वे बातें जो बेहद ख़ूबसूरत और शानदार थीं।"– अय्यूब ४२:३
या राजा दाऊद, जिसने लिखा:
"यह ज्ञान मेरे लिए बेहद शानदार हैं; और इतना बुलंद कि मैं इसे हासिल भी ना कर सकू।" – भजन संहिता १३९:६
और ख़ुदा ख़ुद, जिसने यशायाह के ज़रिए कहा:
"जितना आसमान ज़मीन से ऊँचा है, उतना ही फ़र्क़ तुम्हारे और मेरे कार्यों और ख़यालों में है।" – यशायाह ५५:९
हमारे ख़यालात सीमित है — और ये अच्छी और बुरी ख़बर हैं।
बुरी ख़बर इसलिए क्योंकि हम हर चीज़ को समझना चाहते हैं और अपने छोटे से दिमाग़ में बिठाने की क़ोशिश करते हैं, जो नामुमकिन है।
पर अच्छी ख़बर इसलिए क्योंकि भलें ही हमारे ख़यालात सीमित हैं, मगर ख़ुदा के नहीं।
हमारी बुद्धि, हमारी समझ— हमसे जुड़ी हर बात सीमित है। लेकिन ख़ुदा के लिए कुछ भी नामुमकिन नहीं है! वो हमारे ख़यालात और माँग से कहीं ज़्यादा कर सकता है - उसके सामर्थ के ज़रिए जो हमारे भीतर काम कर रही है। (इफिसियों ३:२०)
इस नज़रिए से देखा जाए तो फ़िक्रमंद ज़िंदगी बे-मतलब है। हम क्यों अपने दिल और दिमाग़ पर इतना ज़ोर डालें कि सब कुछ समझ लें, जबकि हमारे पास एक ऐसा अज़ीम ख़ुदा है जो हमसे कहीं ज़्यादा सब कुछ जानता और समझता है? है ना?
दाऊद कहता है:
*"हमारा ख़ुदा तो आसमान में है; और वह अपने मर्ज़ी के मुताबिक ही करेगा।"– भजन संहिता ११५:३
ख़ुदा के कार्य और तरीक़े हमारे समझ से परे ज़रूर हैं, लेकिन हमारे पास उसका ये वादा मशहूर है:
"और हम जानते हैं, कि वे जो ख़ुदा से मोहब्बत करते हैं और जो उसके मक़सद और मंसूबे को अंजाम देने के लिए बुलाए गए हैं, उनके लिये सारी बातें मिलकर भलाई ही को उत्पन्न करती हैं। – रोमियों ८:२८
आओ मिलकर दुआ करें:
ऐ आसमानी पिता, तेरा शुक्रिया कि तेरे कार्य, तरीक़े और ख़यालात मुझसे कहीं ऊँचे हैं। आज मैं अपनी सारी फ़िक्रें तेरे हवाले करती हूँ। मुझे यह यक़ीन रखने की ताक़त दे कि तू हर हालात को मेरी भलाई के लिए बदल सकता है। यीशु मसीह के नाम में माँगती हूँ, आमीन।

