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Publication date 28 सित. 2025

ईमान आपको दिलेर, पुर-यक़ीन और बेख़ौफ़ बना देगा।

Publication date 28 सित. 2025

आज हमारी ‘बिना देखे, पूरा यक़ीन’ कि सीरीज़ का आख़री दिन है, लेकिन मेरी दुआ है कि आपके ईमान का सफ़र यहां से और भी आगे बढ़े। उम्मीद करते हैं कि ईमान, आपकी ज़िंदगी का एक अहम हिस्सा बन जाए जो आपको दिलेर, पुर-यक़ीन और बेख़ौफ़ बना दे。

आज मैं बाइबल से मेरी एक सबसे पसंदीदा कहानी के साथ, इस सिरीज़ को अंजाम देना चाहता हूँ—एक ऐसी कहानी जो बचपन से मेरे दिल के बेहद क़रीब रही है। यह नूह की कहानी है (उत्पत्ति ६-९)।

बचपन में, जानवरों से भरा एक बड़ा जहाज़ का ख़याल मुझे बेहद रोमांचक लगता था — एक ऐसा जहाज़, जो डूबती हुई दुनिया के ऊपर, तूफ़ानी लहरों और मूसलाधार बरसात के बीच, पूरी तरह महफ़ूज़ तैर रहा था।

मगर जैसे-जैसे मैं बड़ा हुआ, मैंने जाना कि नूह की कहानी महज़ बच्चों के लिए ही प्यारी सी कहानी नहीं है—यह तो एक ज़बरदस्त गवाही है: यक़ीन की, आज्ञाकारिता की और अदृश्य भविष्य के सामने दिलेरी की।

नूह का ईमान महज़ एक ख़ूबसूरत ख़्याल नहीं बल्कि एक कार्यरत यक़ीन था - और यही वो ख़ास बात है जो इस कहानी को और भी ज़्यादा प्रेरणादायक और रोमांचक बनाती है।

नूह के आसपास के लोगों ने उसे यक़ीनन बेवकूफ़ और पागल समझा था, जब वह समंदर से कोसों दूर एक विशाल नाव बना रहा था, और बरसात कहीं नज़र भी नहीं आ रही थी। फिर भी, नूह ने लोगों की बातों को अनसुना कर दिया और हालातों से नज़र हटाकर, पूरे दिल से ख़ुदा के कहे पर पूरा यक़ीन किया।

ज़रा सोचिए — अगर ख़ुदा आपसे कहे कि जाओ और राजस्थान की तपती रेत में बर्फ़ का घर बनाओ, या फिर केरल की उमस भरी गर्मी में सर्दियों के कपड़ों का कारोबार शुरू करो, तो आप क्या करेंगे?

ये सब सुनकर कितना अजीब सा लगेगा ना? कुछ ऐसा ही नूह को भी महसूस हुआ होगा।

*“जब ख़ुदा ने नूह को उस आनेवाली अदृश्य आफ़त की ख़बर दी, तो नूह ने ईमान के ज़रिए और ख़ुदा का डर रखते हुए, जहाज़ तैयार किया। - इब्रानियों ११:७

बाइबल के मुताबिक़, नूह के समय तक न तो कभी बरसात हुई थी, और न ही कभी बाढ़ (उत्पत्ति २:५-६)। हैरानी की बात यह है कि नूह को इस बात का कोई भी अंदाज़ा नहीं था कि "बारिश" होती क्या है 🤯 — फिर भी जब ख़ुदा ने उससे कहा कि बरसात आने वाली है, तो उसने उस पर पूरा यक़ीन किया।

जैसे नूह को बुलाया गया, वैसे ही ख़ुदा ने हमे भी सूखे मौसम में ईमान का जहाज़ बनाने के लिए बुलाया है — फ़िर चाहे आगे बरसात, सफ़लता, या प्रावधान दिखे या ना दिखें।

ईमान, आँखों से देखी बातों पर नहीं, बल्कि तब सच्चा साबित होता है जब हम उस ख़ुदा पर यक़ीन करते हैं जो हमारी अदृश्य बातों को भी देख सकता है。

क्या आप भी ऐसे दौर से गुज़र रहें हैं जहाँ सब कुछ धुंधला सा लग रहा हैं और सामने का रास्ता नज़र नहीं आ रहा हैं? मैं आपको प्रोत्साहित करता हूँ कि इस मौसम में भी ख़ुदा की बातों को सुनते रहें और उसकी आज्ञा मानते रहे। क्योंकि ख़ुदा उन लोगों से प्रसन्न हैं जो उसकी कही बातों पर चलते हैं।

इसलिए दिलेरी ईमान के साथ, पूरे यक़ीन से आगे बढ़ते रहें।

आप एक चमत्कार हैं।

Cameron Mendes
Author

Worship artist, singer-songwriter, dreamer and passionate about spreading the Gospel.