ख़ुदा अब भी भला, वफ़ादार और सर्वशक्तिमान है।

जब ज़ैक २०२० में बीमार पड़ा, तो पूरी दुनिया के कोने-कोने से दुआओं की गूंज उठी। कई लोग हमारे साथ ईमान में डटकर खड़े रहे और हमें कई उम्मीद-भरे प्रोत्साहन और भविष्यवानियाँ भी मिलीं। जेनी और मैं उन हर एक वादे को जैसे थामे रहे — मानो वे हमारे टूटते हुए दिल की डोर बन गए हों। हमें पूरा यक़ीन था कि ख़ुदा ज़ैक को आसमान के इस पर शिफ़ा ज़रूर देगा और ये दर्द-भरा पल, टल जायेगा。
जब राह और भी मुश्किल और दर्दनाक़ होती चली गई, हमने तब भी उसके क़लाम पर ऐतबार करना चुना। मगर सालों का दर्द, बेरोक-मुश्किलों और नींदहिन रातों के बाद — मार्च २०२५ में ज़ैक, यीशु मसीह के पास चला गया।
जब अस्पताल के उस कमरे में, हमारी बाँहों में उसने अपनी आख़री साँस ली, तो ऐसा लगा जैसे हमारी अपनी साँसें भी थम गईं और दिल, मानो शीशे की तरह टूटकर उसी पल, उसी जगह बिखर गया। जिस चमत्कार के लिए हम हर रोज़ पूरी शिद्दत से दुआ करते रहे — वो वैसा नहीं हुआ जैसे हमने कल्पना की थी, जैसी हमारी उम्मीदें थीं। वो चंगाई, जिसके लिए अनगिनत दिलों ने अश्कों के साथ दुआएँ की थीं — जैसे अधूरी सी रह गई... और उस अधूरेपन में एक ख़ामोशी उतर आई — गहरी, भारी, और लफ्ज़ो से परे。
मगर फिर भी… उस गहरे ग़म और टूटेपन के दरमियान, हमारा दिल अब भी ईमान और यक़ीन से धड़क रहा था।
ना इसलिए कि हमे सब समझ आ रहा था और ना इसलिए कि सब जायज़ था। बल्कि इसलिए, क्योंकि हमें ये यक़ीन है कि — ख़ुदा अब भी भला, वफ़ादार और सर्वशक्तिमान है।
ज़ैक, अब बीमारी और दर्द से दूर, मुक़म्मल और बेहिसाब ख़ुशी में फ़ारवा ज़िंदगी जी रहा हैं, उसी ख़ुदा की बाँहों में, जिस पर हमने क़दम-दर-क़दम ऐतबार किया। हमारी दुआ पूरी हुई है और उसकी शिफ़ा अब हक़ीक़त बन चुकी है।
इस दौर ने हमें सिखाया कि ईमान का मतलब ये नहीं कि हर वादा हमारी उम्मीदों के मुताबिक़ पूरा हो, बल्कि असली ईमान तो वो है — जो टूटेपन और नाउम्मीदी के दरमियान भी, ख़ुदा पर यक़ीन बनाए रखता है। ईमान तब सच्चा साबित होता है जब, चमत्कार की ग़ैर मौजूदगी में भी, हम उसकी वफ़ादारी पर यक़ीन करते है — और ज़िंदगी की उलझनों, सन्नाटों और आँसुओं के बावजूद, उसी के नाम की तारीफ करते है।
और यह बात अपने आप में ही एक चमत्कार है।
*“ईमान वह अटल यक़ीन है, जो हमें उन बातों की उम्मीद दिलाता है — जो अभी दिखाई नहीं देतीं, पर फ़िर भी सच्ची है।” – इब्रानियों ११:१
आज मैं आपके लिए दुआ करना चाहता हूँ:ऐ आसमानी पिता, क्या आज तू को तेरी मौजूदगी पर यक़ीन करने में मदद करेगा? उसे सहारा दे कि वह देखी-देखाई बातों पर नहीं, बल्कि तुझ पर और उस अटल ईमान की चट्टान पर मजबूती से खड़ा रहे — जो उसके हालातों से कहीं ज़्यादा ऊँचा और ताक़तवर है। यीशु मसीह के नाम में आमीन।

