जो जज़्बात ख़ुदा की तरफ़ मुड़ते हैं, वो दुआ बन जाते हैं।

कल हमने बात की थी उस गहरे टूटने के एहसास के बारे में। आज, मैं आपके साथ एक दुआ साझा करना चाहती हूँ, जिसे आप कभी भी दोहरा सकते हैं — खासकर तब, जब आप खुद को उस टूटेपन से गुज़रते हुए महसूस करें।
यह वही दुआ है जो योना ने उस बड़ी मछली के पेट से, बेबसी और पूरी ईमानदारी के साथ, अपने दिल से की थी। (योना २)।
दुआएँ हमेशा तराशी हुई और मीठे लफ़्ज़ों में नहीं होतीं हैं। कई बार हमारी दुआएँ बिखरी हुई, जज़्बाती, या टूटी-फूटी हो सकती हैं और यह बिल्कुल ठीक है। जब तक आप अपने जज़्बातों को ख़ुदा की ओर मोड़ते हैं, तब तक वह दुआ ही कहलाती है और ख़ुदा उन्हें सुनने के लिए हर पल हाज़िर होता है।
मैं दुआ करती हूँ कि यह ख़ास दुआ आपको हौसला दे, ताक़ि जब भी ज़रूरत हो, आप ख़ुदा से ईमानदारी से बात कर सकें。
ऐ आसमानी पिता,मैं तुझे अपने दर्द और बेचैनी में पुकार रही हूँ।मैं इसलिए मदद मांग रही हूँ क्योंकि ऐसा लग रहा है जैसे मैं ज़िंदा होते हुए भी अंदर से मर चुकी हूँ।मुझे यक़ीन है कि तू मेरी पुकार सुन रहा है।
ऐसा लगता है जैसे तूने यह ग़म, तकलीफ़,बुराई और तबाही को मुझ पर हावी होने दिया है।ऐसा भी महसूस होता है कि, मैं डर और ग़म की लहरों में डूब रही हूँ।
मैं त्यागी हुई महसूस कर रही हूँ ,जैसे मेरी तकलीफ़ तेरी नज़रों से ओझल है।मगर फिर भी मेरा यक़ीन है कि तू मुझे देख रहा है,और तेरी नज़रें मुझ पर लगी हुई हैं।
मैं यह महसूस कर रही हूँ किमैं डूबती जा रही हूँ और अब कोई किनारा भी नज़र नहीं आ रहा है।ऐसा लगता है जैसे ज़िंदगी ख़त्म हो गई है।मगर फिर भी मैं तुझको पुकार रही हूँ,क्योंकि मुझे मालूम है, तू ही मुझे बचा सकता है,क्योंकि तूने पहले भी मुझे बचाया है।
ऐ खुदावंद, तेरी वफ़ादारी के लिए तल-दिल से शुक्रिया,शुक्रिया कि तू भला है और तूने कभी मेरा साथ नहीं छोड़ा।
यीशु मसीह के नाम में, आमीन।
अगर आप इस वक़्त एक अच्छे दौर में हैं जहाँ शिक़ायत की कोई वजह नहीं है तो उसके लिए ख़ुदा का शुक्र अदा करें। लेकिन अगर आपका वक़्त बुरा चल रहा है तो यह दुआ ज़रूर करें।
चमत्कार हर दिन एक बड़ा परिवार है। हमारे पास बहुत ही समझदार स्वयंसेवकों की एक टीम है (हम उन्हें ई-कोचेस कहते हैं), जो इस मुश्किल समय में आपकी रूहानी ज़िंदगी में मदद, हौसला-अफज़ाई और रहनुमाई करेंगे।
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