इस क़ायनात में, ख़ुदा की नज़र से कुछ भी छुपा नहीं है

कुछ महीने पहले एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें एक आदमी और एक औरत की बेवफ़ाई, कोल्डप्ले के कॉन्सर्ट के दौरान सबके सामने बेपर्दा हो गई। वे एक-दूसरे को गले लगाए खड़े थे, लेकिन जैसे ही कैमरा उनकी ओर घूमा, उन्होंने शर्मिंदगी में फ़ौरन अपने चेहरे छुपा लिए। मगर तब तक बहुत देर हो चुकी थी — उनका गुप्त रिश्ता पूरी दुनिया के सामने बेनक़ाब हो चुका था。
इससे मुझे यीशु मसीह के ये अल्फ़ाज़ याद आ गए:
"कुछ ढका नहीं, जो खोला न जाएगा; और न कुछ छिपा है, जो जाना न जाएगा। इसलिये जो कुछ तुम ने अन्धेरे में कहा है, वह उजाले में सुना जाएगा; और जो तुम ने कोठरियों में कानों कान कहा है, वह छत पर से प्रचार किया जाएगा।" – लूका १२:२-३
कई बार ऐसा लगता है जैसे लोग ग़लत काम करके भी “बच” जाते हैं। इस दुनिया में इतनी नाइंसाफ़ी है कि ऐसा लगता है जैसे बुरे लोग कभी पकड़े ही नहीं जाते या सच्चाई कभी उजागर ही नहीं होती।
मगर ख़ुदा की नज़र से कुछ भी छुपा नहीं है।
योना की क़िताब में इस सच्चाई को बड़े ही ख़ूबसूरत अंदाज़ में पेश किया गया है — कि कैसे योना, सीधे तौर पर ख़ुदा और उसके हुक़्म से भागने की कोशिश करता है। वह सोचता है कि किसी जहाज़ पर सवार होकर, वह न सिर्फ़ ख़ुदा की नज़र से छुप सकता है, बल्कि उसकी मर्ज़ी से भी बच सकता है। लेकिन ख़ुदा एक तेज़ तूफ़ान भेजता है और सच्चाई बेपर्दा हो जाती है (योना १:७-१२)
ख़ुदा की नज़रें हर तरफ़ हैं।
*"इस क़ायनात में, ख़ुदा की नज़र से कुछ भी छुपा नहीं है। हर चीज़ उसके सामने बेनक़ाब और खुली हुई है, जिसका हमें एक दिन हिसाब देना होगा।" – इब्रानियों ४:१३
क्या कभी आपके साथ नाइंसाफ़ी हुई है? क्या कोई आप पर ज़ुल्म करके बाइज़्ज़त बरी हुआ है? आपको किसी ऐसे काम के लिए गुनहगार ठहराया गया जो आपने किया ही नहीं? या आपने कोई ग़लत काम होते हुए देखा लेकिन किसी ने आपकी बात पर यक़ीन ही नहीं किया?
अपनी नाराज़गी को ख़ुदा के हवाले कर दें। वह सब जानता है और वह सब देखता भी है। उस पर ऐतबार करें कि वह अपने मुक़म्मल वक़्त पर सारि सच्चाई को सबके सामने उजागर करेगा और इंसाफ़ भी दिलाएगा।
शायद आप डर या शर्म के साए में कहीं छुपे हुए हैं, लेकिन ख़ुदा की निगाहें सदा आप पर है और आप न तो भूले गए हैं और न ही आपके ज़ख़्मों को अनदेखा किया गया है।

