कोई काम इतना छोटा नहीं कि, उससे ख़ुदा का जलाल न हो सके।

मैं अक्सर ऐसे लोगों से दुआओं की दरख़्वास्त पाता हूँ जो यह कहते हैं कि उन्हें फुल-टाइम मिनिस्ट्री के लिए बुलाया गया है।
मैं उनकी इस वफ़ादारी और पूरे दिल से ख़ुदा की सेवा करने की आरज़ू की क़द्र करता हूँ। लेकिन कई बार मुझे यह एहसास होता है कि बहुत से मसीही यह समझते हैं कि सेवकाई की ज़िंदगी एक रोज़ाना की नौकरी से भी ‘ऊँची बुलाहट’ है। मानो जौ जैसे ख़ुदा ने पासबान बनने को किसी दफ़्तर के मैनेजर से ऊँचा दर्जा या एक वॉर्शिप लीडर को किसी होटल के वेटर से ऊपर का स्थान दिया हो।
बाइबल में ऐसा कहीं नहीं लिखा है।
यीशु मसीह की ख़िदमत में पूरी तरह से समर्पित होने से पहले, मैंने करीब १५ साल तक कॉर्पोरेट कंपनी में काम किया है — कॉल सेंटर से लेकर, सेल्स मैनेजर तक और आख़िर में एक बड़े म्यूज़िक स्टोर में काम किया है।
और जहाँ जहाँ काम किया, वो जगह और वो लोग मुझे बेहद पसंद थे!
इतिहास के सबसे शानदार और नामचीन प्रेरितों में से एक होने के बावजूद, पौलुस अपनी रोज़ी-रोटी कमाने के लिए, काम करता था। वह किसी चर्च का पासबान या जवानों का लीडर नहीं बल्कि तंबू बनाने वाला था। (प्रेरितों के काम १८:३)
इस तीन सेवकों और सिक्कों की कहानी में (मत्ती २५:१४-३०), यीशु मसीह ने, मेहनत और ईमानदारी से काम करने पर, मिलने वाले इनाम पर ज़ोर दिया है। जिन दो सेवकों ने कड़ी मेहनत और लगन के साथ, मालिक के लिए कुछ कमाया, सिर्फ वही तारीफ़-ए-क़ाबिल थे और सिर्फ उनके ही हवाले और भी ज़्यादा ज़िम्मेदारियाँ दी गयी।
आदम और हव्वा के ज़माने से ही, जब सब कुछ मुक़म्मल था, तब भी ख़ुदा ने इंसान को काम करने के लिए नियुक्त किया:
*"तब ख़ुदा ने इंसान को एदेन के वाटिका में काम और उसकी देखभाल करने के लिए रख दिया था। " (उत्पत्ति २:१५)
‘काम’ का अपने आप में ही एक मतलब और अहमियत है; यह महज़ अपनी ज़रूरतों को पूरा करने का ज़रिया नहीं है!
और कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता है - न ही कोई काम पाक़ या दुनियावी है। ख़ुदा के लिए सबसे अहम काम कौन सा है? जो भी आप कर रहे हैं। फ़र्श पोंछने से शौचालय साफ़ करना भी उतना ही अहम है जितना की क़ानून की पढ़ाई करना या घर-काम करना।
कोई काम इतना छोटा नहीं कि उससे ख़ुदा का जलाल न हो सके।
आज अपने काम के लिए ख़ुदा का शुक्र अदा करें और अगर अभी आपके पास कोई काम नहीं है, तो दुआ करें कि ख़ुदा के मुक़म्मल वक़्त पर आपके लिए सही नौकरी का दरवाज़ा ख़ुल जायें।

