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Publication date 8 सित. 2025

दबाव के बजाय वो हमे मक़सद और इज़्ज़त देता है।

Publication date 8 सित. 2025

हम 'बेमिसाल कहानियों’ की चौथे और आख़री हफ़्ते में आए हैं और इस हफ्तें हम यीशु मसीह की ‘भरोसेमंद ज़िम्मेदारी’ की कहानी पर ग़ौर करेंगे — मत्ती २५:१४-३०

सच कहूँ तो — बाइबल के सारे कहानियों में से यह कहानी मेरी फेवरेट नहीं हैं।😬क्यों? वो बात मैं बाद में बताऊँगा... लेकिन पहले, आइए ज़रा इसे संक्षेप में समझ लेते हैं।

एक लम्बे सफ़र पर जाने से पहले, एक अमीर मालिक अपनी दौलत, अपने तीन सेवकों के हवाले करता है। उसने एक को चाँदी के सिक्कों से भरी पाँच थैलियाँ दीं। दूसरे को दो और तीसरे को एक। वह हर एक को उसकी क़ाबिलियत के मुताबिक़ दे कर अपने सफ़र पर निकल पड़ा।

पहले दो सेवक, उन चाँदी के सिक्कों को इन्वेस्ट करके दोगुना कर देते हैं। जब मालिक लौटता है, तो वह उनकी वफ़ादारी की तारीफ़ करता है और बड़ी ज़िम्मेदारियाँ उनके हवाले करता है। लेकिन तीसरा सेवक, डर के कारण, उस एकमात्र थैली को ज़मीन में दफ़ना देता है और जब मालिक लौटता है, उसे वैसे ही लौटाता है। उसकी निष्क्रियता और लापरवाही मालिक को नाराज़ कर देती है और वह उसे सख़्त फटकार के साथ सज़ा देता है, जबकि पहले दो की वफ़ादारी के लिए इनाम देता है.

अब मैं आपको बताना चाहता हूँ की यह कहानी मेरी फेवरेट क्यों नहीं है — क्योंकि, यह एक भारी दबाव का माहौल सा लगता हैं।मुझे वह एहसास बिल्कुल अच्छा नहीं लगता जब मुझे ये साबित करना पड़ता है कि मैं उस तीसरे सेवक की तरह नहीं हूँ और मैं, ख़ुदा से मिली ज़िम्मेदारियों का सही इस्तेमाल कर रहा हूँ और ख़ुदा को नाराज़ नहीं कर रहा हूँ। 

क्या आपने भी कभी ऐसा महसूस किया है?

इस कहानी में जिस बात ने मेरा नज़रिया पूरी तरह बदल दिया, वो न तो मालिक की सेवकों से बड़ी उम्मीदें थीं और न ही उसकी सख़्त फटकार — जिन पर हम इस हफ्ते में ग़ौर करेंगे — बल्कि वह बात थी, कि किस तरह उस अमीर, दिलदार और भरोसेमंद मालिक़ ने पूरे यक़ीन के साथ अपने तीनों सेवकों को बड़ी इज़्ज़त और ज़िम्मेदारी दी। आजकल के ज़माने में ऐसा नहीं होता है। 

इस कहानी में वह मालिक दरअसल ख़ुदा का प्रतीक है। कभी-कभी हम भूल जाते हैं कि ये हमारी कितनी बड़ी ख़ुशक़िस्मती है कि हमें उस ख़ुदा की सेवा करने का मौक़ा मिला है जो बेहिसाब भला, हमेशा वफ़ादार और हर तरह से तारीफ़ के क़ाबिल है।

पूरी क़ायनात के मालिक़ (ख़ुदा) ने आपको और हमें, उसकी ख़िदमत के लिए चुना है।

यह आप पर कोई भारी दबाव की बात नहीं, बल्क़ि आपके ज़िंदगी के लिए एक ख़ास मक़सद और बड़ी इज़्ज़त की बात है।

आइए इस सप्ताह की शुरुआत हम उसका दिल से शुक्रगुज़ार करते हुए करें। 

ऐ आसमानी पिता, तेरा शुक्रिया कि तूने मुझे अपनी ख़िदमत के लिए चुना है। मेरी क़ाबिलियतों से कहीं बढ़कर, मुझ पर तेरा फ़ज़ल, तेरी दरियादिली और तेरा बेशर्त यक़ीन है। मुझे इमानदारी से तेरी ख़िदमत करना सिखा।यीशु मसीह के नाम में, आमीन।

आप एक चमत्कार हैं।

Cameron Mendes
Author

Worship artist, singer-songwriter, dreamer and passionate about spreading the Gospel.