जीने के महज़ दो ही असल तरीक़े हैं।– टिम केलर

आज, इस सीरीज़ के पाँचवे दिन में आपका स्वागत है, जहाँ हम ‘अय्याश बेटे’ की काहानी, (लूका १५:११-३२) टिम केलर की क़िताब, ‘द प्रोडिगल गॉड’ के ज़रिए समझ रहे हैं।
उम्मीद है, कि इस सीरिज़ से कुछ नए ख़ुलासे हो रहे हैं!
टिम केलर एक असरदार बात कहते हैं: ‘अय्याश बेटा’ एक ग़लत शीर्षक लगता है। उनके हिसाब से इस कहानी का सही नाम होना चाहिए “खोए हुए दो बेटे”।
क्यों? क्योंकि ये कहानी जितनी छोटे बेटे की है, उतनी ही बड़े बेटे की भी — और शायद उससे भी कहीं ज़्यादा।
अक्सर हम बगावत करनेवाले छोटे बेटे को देख कर फ़ैसला कर लेते हैं लेकिन रूपक के स्तर पर देखा जाए, तो दोनों बेटे — अलग-अलग तरीक़ों से — अपने पिता यानी ख़ुदा से दूर थे। एक खुले इनकार में, तो दूसरा अपने फर्ज़ और क़ाबिलियत के घमंड में। दोनों ही कोशिश कर रहे थे कि किसी न किसी तरह पिता की मर्ज़ी और और क़ुबूलियत हासिल कर सकें।
छोटे बेटे की गलतियाँ साफ थीं: उसने खुले इनकार में अपने पिता को ठुकराया, जैसे उसके मरने की दुआ की हो और फ़िर जो दौलत उसे मोहब्बत से बख़्शी गई थी, उसे उसने शौक़ और ख़ुदगर्ज़ी में गंवा दिया।
लेकिन इसमें बड़ा बेटा क्या ग़लत कर रहा था? टिम केलर के मुताबिक़:
वह उस सबसे बड़े दावत और जश्न में, जो शायद उसके पिता ने कभी दी थी, शामिल नहीं हुआ। सबके सामने अपने पिता के फ़ैसले को नकारते हुए ,वो बाहर ही खड़ा रहा।
ख़फ़ा हो कर बड़े बेटे ने कहा, “देखो! कई बरसों से मैं आपकी ख़िदमत कर रहा हूँ और कभी भी आपका हुक्म नहीं टाला हैं।” (लूका १५:२९) ये न सिर्फ़ पिता को बेइज़्ज़त करनेवाली बात थी बल्कि उसके दिल का हाल भी ज़ाहिर कर रहा था।
पिता की दौलत पाने के लिए जहाँ छोटा बेटा बग़ावत करतें हुए पिता की ही मौत की ख़्वाहिश रखता है, वहीं बड़ा बेटा इस भ्रम में है कि उसने अपने वफ़ादार व्यवहार और मेहनत से सब कुछ हासिल कर लिया है। दोनों ही बेटे, अपने-अपने तरीक़ों से, पिता के दिल को नहीं समझ पाए और दोनों ने अपने पिता से सच्ची मोहब्बत नहीं की – दोनों ही पिता के वास्तविक दौलत की चाह रखतें थे।
बड़ा बेटा चाहे कितना भी धार्मिक और सही लगे, लेकिन उसका रवैया भी पिता के लिए उतना ही तकलीफ़ देनेवाला और बेगाना था।
आइए थोड़ी देर के लिए इस पर ग़ौर करें। क्या आपके दिल में भी कहीं ‘बड़े बेटे जैसे ख़्यालात’ छुपे हुए हैं? कल मैं अपना एक ख़याल आपसे बाँटूँगी।
आज पवित्र आत्मा से दुआ करें, कि वो आपके दिल के सच्चे इरादें ज़ाहिर करें।

