हमारा क़र्ज़, हमारे सच्चे बड़े भाई ने अदा कर दिया। – टिम केलर

मेरे परिवार में, माता-पिता के आलावा, मेरा एक बड़ा भाई और मेरी एक बड़ी बहन है – और मैं सबसे छोटी हूँ।
कॅमरॉन का एक छोटा भाई और एक छोटी बहन है और उनमे वो सबसे बड़े हैं।
आपके कितने भाई-बहन हैं?
अब… अगर मैं आपसे कहूँ कि आपका एक बड़ा भाई है, जिसके बारे में आपको कभी पता ही नहीं था, तो क्या कहोगे?! 😱
यीशु मसीह, हमारा वो सच्चा बड़ा भाई हैं, जिसके बारे में आप शायद बेख़बर थे। इसे साबित करने के लिए, मैं आपसे आगे पढ़ने की गुज़ारिश करती हूँ।
यीशु मसीह २ कहानियों के बाद, ‘अय्याश बेटे’ की कहानी सुनाता हैं: १. खोई हुई भेड़ (लूका १५:१-७) २. खोया हुआ सिक्का (लूका १५:८-१०) ३. खोया हुआ बेटा (अय्याश बेटा) (लूका १५:११-३२)
ये कहानियाँ लगभग एक जैसी ही हैं – कोई न कोई खो जाता है और कोई न कोई उसे ढूँढने जाता है लेकिन इन में एक अहम अंतर भी है। पहली दो कहानियों में कोई ‘ढूँढने वाला’ होता है – चरवाहा अपनी खोई हुई भेड़ को ढूँढता है और स्त्री अपना खोया सिक्का ढूँढती है। ये ‘ढूँढने वाले’ तब तक चैन से नहीं बैठते, जब तक उन्हें अपना खोया हुआ वापस ना मिल जाए।
जब यीशु मसीह, ‘अय्याश बेटे’ की तीसरी कहानी सुनाता है और कहानी के आधे भाग में पहुँचता हैं, तो वहाँ के लोग सोच रहे होंगे, “अब इस खोए हुए बेटे को कौन ढूँढने जाएगा?”
लेकिन कोई भी नहीं जाता।
यहूदियों की संस्कृति में ये बड़े भाई की ज़िम्मेदारी थी कि वह अपने छोटे भाई की तलाश करें। वही अपने भाई का रखवाला होता था (उत्पत्ति ४:९)。
एक सच्चा बड़ा भाई यह कहता की, “मैं अपने नासमझ छोटे भाई को ढूँढने जाऊँगा और उसे घर वापस लेकर आऊँगा। अगर उसका सारा धन ख़त्म हो गया है, तो भी मैं उसे अपने खर्चे पर फ़िर से परिवार में लेकर आऊँगा।”
आख़िर क्यों? क्योंकि उसे फ़िर से परिवार में लेना मतलब पिता की विरासत को फ़िर से बाँटना – और ये माफ़ी बड़े भाई की तरफ़ से बहुत महँगी पड़ती।
क्या यह सुना-सूनासा लगता है?
क्योंकि इस कहानी के छोटे बेटे के विपरीत, हमारे पास एक सच्चा बड़ा भाई है, जो हमें ढूँढने आया – यीशु मसीह। उसने सिर्फ़ साथ समंदर पार नहीं किया, बल्कि आसमान के उस पार से आया, ताकि खोए हुओं को ढूँढ सकें और बचा सकें। पैसों से नहीं, बल्कि अपनी जान की क़ुर्बानी देकर, उसने बड़ी क़िमत भी चुकाई।
यीशु मसीह इसलिये आया, कि हम फ़िर से ख़ुदा के परिवार में शामिल हो सकें।
यह कितनी ख़ूबसूरत बात है, है न?

