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Publication date 2 सित. 2025

रूहानी तौर पर, मज़हबी और बेमज़हबी, दोनों खोये हुए हैं। – टिम केलर

Publication date 2 सित. 2025

पिछले ९ सालों में, एक कलाकार से शादी करके मैंने संगीत के बारे में बहुत कुछ सीखा है। फिर भी, कभी-कभी ऐसा होता है जब कॅमरॉन एक ऑडियो इंजीनियर कि बातें करने लगता हैं – तो वो सब बातें मेरे सर के ऊपर से निकल जाती हैं!

तब वो खाना पकाने की मिसालों से मुझे समझाने की क़ोशिश करते हैं, क्योंकि वो ज़ुबान मैं अच्छे से समझती हूँ। 🤪

उदाहरण के तौर पर, कुछ दिन पहले वो मुझसे मिक्सिंग और मास्टरिंग की अहमियत समझा रहे थे। उन्होंने कहा, "जैसे तेरे हाथ से बनी बटर चिकन का असली स्वाद तब तक पूरी तरह से नहीं आता, जब तक आख़िर में तू उसमें चिकन और ग्रेवी को अच्छे से मिला कर ऊपर से ताज़ा हरा धनिया और थोड़ा सा प्यार भरा मग़्खन न डाल दे, उसी तरह किसी गाने का असली जादू भी तब तक नहीं खुलता जब तक उसे मिक्स और मास्टर न किया जाए।"

असल बात ये है कि अगर आप किसी बात को साफ़ और असरदार तरीक़े से कहना चाहते हैं, तो सामने वाले को समझ आने वाली ज़ुबान में ही बोलना चाहिए।

इसी तरह, अगर हम यीशु मसीह की ‘अय्याश बेटे’ की कहानी का सही मतलब समझना चाहते है, तो हमें पहले ये समझना होगा कि यीशु मसीह किन लोगों से यह कहानी बयां कर रहा था।

अध्याय १५ की शुरुआत में लूका लिखता है:

"कर वसूली करने वाले और गुनहगार, सब यीशु मसीह की बातें सुनने के लिए उसके पास आया करते थे। पर फ़रीसियों और क़ानून के उस्तादों ने कुड़कुड़ाकर कहा, “यह तो गुनहगारों को पास बुलाता है और उनके साथ बैठकर खाना भी खाता है।” लूका १५:१-२

यीशु मसीह की इस महफ़िल को हम दो हिस्सों में बाँट सकते हैं:    १. कर वसूली करने वाले और गुनहगार = समाज से निकाले हुए लोगI    २. फ़रीसियों और क़ानून के उस्ताद = मज़हबी लोगI

इस कहानी के दो अहम किरदार, दो भाई, सीधा इन दो प्रकार के लोगों से जुड़ते हैं。

एक तरफ़ हैं वो छोटा भाई, जो बहिष्कृत (समाज से निकाले हुए) लोगों से जुड़ता हैं। ऐसे लोग क़ायदे-क़ानून को नहीं मानते और आवारगी और गुनाहों से भरी हुई ज़िंदगी जीते हैं। 

और दूसरी तरफ़ हैं बड़ा भाई जो मज़हबी (धर्म के ठेकेदार) लोगों से जुड़ता हैं; ऐसे लोग जो क़ायदे-क़ानून का पूरा पालन करते हैं।

जैसे बड़ा भाई इस बात से खफ़ा हो गया था, कि पिता ने खोए हुए बेटे को वापस ऐसे अपना लिया, उसी तरह वे मज़हबी लोग भी कुड़कुड़ाकर कह रहे थे, “यह तो गुनहगारों को पास बुलाता है और उनके साथ बैठकर खाना भी खाता है।”

आप खुद को सबसे ज़्यादा किस तरह के लोगों जैसा मानते हो?

आप एक चमत्कार हैं।

Jenny Mendes
Author

Purpose-driven voice, creator and storyteller with a passion for discipleship and a deep love for Jesus and India.