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Publication date 1 सित. 2025

ख़ुदा की बेपरवाह फ़ज़ल ही हमारी सबसे बड़ी उम्मीद है – टिम केलर

Publication date 1 सित. 2025

यीशु मसीह की बेमिसाल कहानियों के सफ़र के तीसरे हफ़्ते में आपका स्वागत है।इस हफ़्ते की कहानी है: अय्याश बेटा।

इस हफ़्ते के लिए, मैं हमारे चमत्कार के प्रोस्ताहन की शुरुआत मेरी अब तक की सबसे पसंदीदा क़िताबों में से एक टिम केलर द्वारा लिखित ‘द  प्रोडिगल गॉड’ (बेपरवाह फज़ल का ख़ुदा) – से कर रही हूँ। उन्होंने इस कहानी के असली पैग़ाम और यीशु मसीह के इरादों को इतनी ख़ूबसूरती से समझाया है कि जब मैंने ये क़िताब १३ साल पहले पढ़ी थी, तो मुझपर पर इसका गहरा असर पड़ा था।

इतना कि मैंने पहले पन्ने पर ये लिख दिया था:

‘जब मैंने पहली दफ़ा ये क़िताब पढ़ी, मैं आश्चर्यचकित हो गई। मैं यह क़िताब सभी को ज़रूर पढ़ने की सिफ़ारिश करती हूँ।’ - तारीख़  २८-८-२०१२

जब मैंने इस क़िताब को खोलकर इस हफ़्ते की सीरीज़ को लिखना शुरू किया, तो ये पढ़कर मैं मुस्कुराई।पिछले १३ सालों से मेरा यक़ीन है कि ये कहानी किसी को भी आश्चर्यचकित कर सकती है, फ़िर चाहे आप लंबे समय से ख़ुदा पर ईमान रखते हैं, नये मसीही हैं, या बस इस ईमान के बारे में उत्सुक हैं।😉

अपनी याद ताज़ा करने के लिए, लूका १५:११-३२ की ये कहानी पढ़ें:

यह एक पिता और उसके दो बेटों की दिल छू लेने वाली दास्तान है। छोटा बेटा विरासत की माँग करता है — जैसे वह कह रहा हो, "मुझे तुझसे नहीं, सिर्फ़ तेरे पास जो है उससे मतलब है।" वो सब कुछ उड़ा देता है — शौक़, ऐश, और बेपरवाही में। लेकिन जब ज़िंदगी की ठोकरें उसे तोड़ देती हैं, तो वो टूटे दिल और शर्म से भीगी आँखों के साथ लौटता है — उसी उम्मीद में कि शायद पिता उसे नौकर बना लेगा।मगर पिता…उसे देखते ही दौड़ पड़ता है — सीने से लगाकर कहता है: "मेरा बेटा लौट आया है!" उसी वक्त ख़ुशियों की दावत सजती है, लेकिन बड़े भाई का दिल बुझ जाता है। वो ठहर कर पूछता है: "मैं तो हमेशा साथ रहा — फ़िर मेरे लिए क्या?"पिता मुस्कुरा कर कहता है: "बेटा, तू तो हर पल मेरे साथ था …पर जो खो गया था, वो लौट आया है — क्या हम इस पर ख़ुश भी नहीं हो सकते?"

जैसे ही हम इस कहानी को और भी गहराई और ग़ौर से समझनेवाले हैं, मैं आपके ज़हन में ये सवाल छोड़कर जाना चाहूँगी:

आप ख़ुदा से किस तरह रिश्ता रखते हैं? क्या वो आपके लिए एक दूर बैठा शासक है, या एक नज़दीकी पिता? जब आप उसके बारे में सोचते हैं, तो आपके दिल में कौन-से एहसास जागते हैं?क्या आप उसे एक सख़्त इन्साफ़ करने वाला समझते हैं, या एक ऐसा जो मोहब्बत और रहमत से भरपूर है?क्या वो आपके लिए हुक्म चलाने वाला है, या बाँहें फैलाकर अपनाने वाला?क्या आप उसे एक सज़ा देनेवाला मानते हैं, या वो जो हर हाल में आपकी हिफ़ाज़त करता है?

यहाँ कोई सही या ग़लत जवाब नहीं है न ही कोई इम्तिहान है। बस आपके दिल को जानने की क़ोशिश है।

आप एक चमत्कार हैं।

Jenny Mendes
Author

Purpose-driven voice, creator and storyteller with a passion for discipleship and a deep love for Jesus and India.