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Publication date 19 अग. 2025

हमारी मोहब्बत, ख़ुदा की पहल का जवाब है।

Publication date 19 अग. 2025

यह “भला सामरी” की कहानी और भी अर्थपूर्ण हो जाती है जब हम यह समझते हैं कि यीशु मसीह ने इसे क्यों सुनाया था।  “ख़ुदा से अपने पूरे दिल-ओ -जान, ताक़त और ज़हन से मोहब्बत करें और अपने पड़ोसी से भी मोहब्बत करें जैसे ख़ुद से करते हैं।”  लूका १०:२७

यह सबसे बड़ी आज्ञा बताने के बाद - वहाँ मौजूद एक फ़रीसी ने तीखा सवाल पूछा, 'आख़िर मेरा पड़ोसी कौन है?'। इस सवाल ने उसके असली इरादों को उजागर कर दिया — कि वह यीशु मसीह और सबके सामने अपने रवैये को सही ठहराना चाहता था।

यीशु मसीह उसकी कोई परिभाषा न देते हुए, एक कहानी साझा करता है जो (लूका १०:२५-३७) में लिखी हैं।

कहानी के अंत में, यीशु मसीह उस फरीसी से पूछता हैं: “इन तीनों में से उसका पड़ोसी कौन ठहरा?” (वचन ३६) फरीसी जवाब देता है: “वही जिस ने उस पर दया की।”

फरीसी द्वारा इस्तेमाल कि गई “दया” का लफ्ज़ महज़ “तरस” खाने का था। मगर यीशु मसीह ने सामरी को जिस शब्द से वर्णित किया, वह था रहम एक ऐसी मोहब्बत जो दिल से निकल कर कार्य में ज़ाहिर होती है।

जब यीशु मसीह ने कहा, “जा, तू भी ऐसा ही कर,” तो उसका मतलब यह नहीं था कि फरीसी हर घायल इंसान को सड़क से उठाए। बल्कि यीशु मसीह ने उसे यह चुनौती दी की वह मोहब्बत महज़ क़ानून पालन से नहीं, बल्कि दिल से ज़ाहिर करे।

यह एक सामरी के लिए बहुत मुश्किल बात रही होगी क्योंकि वह क़ानून का माहिर था, मोहब्बत को अपनाने में नहीं। फरीसी लोग तो पहले से ही ऐसे क़ानूनों में यक़ीन रखते थे, जो लोगों पर बोझ डालते थे।

लूका ११:४६ में यीशु मसीह ऐसे लोगों को डांटते हुए कहता है:

“हे व्यवस्थापको, तुम पर भी हाय! तुम ऐसे बोझ जिनको उठाना कठिन है, मनुष्यों पर लादते हो परन्तु तुम आप उन बोझों को अपनी एक उँगली से भी नहीं छूते।”

यीशु मसीह यह ज़ाहिर कर रहा था कि हमें क़ानून और दबाव से जीने की नहीं, बल्कि एक बदले हुए दिल और स्वभाव की ज़रूरत है。

यीशु मसीह नहीं चाहता है कि आप क़ानून के बोझ से दबें रहे, या दिखावे की ज़िंदगी जिए, बल्कि वह चाहता हैं कि आज ही आपका दिल उसकी बेशुमार मोहब्बत से भर जाए और उसी दिल से सच्ची रहमत उमड़ती जाए — सिर्फ़ तरस तक सीमित न रहे।

इस मोहब्बत का ज़रिया कोई और नहीं, खुद यीशु मसीह है। “हमारी मोहब्बत, ख़ुदा की पहल का जवाब है।” - १ यहुन्ना ४:१९ (*इस प्रोत्साहन के कुछ आयत मेरे अल्फ़ाज़ और अंदाज़ में लिखे गए हैं) 

आप एक चमत्कार हैं।

Jenny Mendes
Author

Purpose-driven voice, creator and storyteller with a passion for discipleship and a deep love for Jesus and India.