जब हम ख़ुदा की तलाश में निकलते हैं, तब बुद्धि हमें हासिल होती हैं

क्या आप जानते हैं कि हम हर दिन लगभग ३५,००० फ़ैसले लेते हैं - जिनमें से सिर्फ़ खाने के बारे में ही २२७ फ़ैसले होते हैं? ज़्यादातर फ़ैसले छोटे होते हैं, जैसे की, क्या पहनना है या कितनी तेज़ी से चलना है। ख़ुदा ने हमें हर दिन के फ़ैसलों के लिए आम अकल की बरक़त दी है जिसके बिना, जीना मुश्किल हो सकता है।
लेकिन ज़िंदगी के बड़े फ़ैसलों में भी, जहाँ हम ख़ुदा की बुद्धि चाहते हैं, आम अकल बेहद ज़रूरी है। व्यावहारिक सोच, फ़ायदे-नुकसान का विश्लेषण और गहराई से विचार करना, यह सारे फ़र्क़ करने का हिस्सा हैं। बाइबल में, आम अकल को अकसर बुद्धि, होशियारी या समझदारी कहा गया है।
"हे मेरे पुत्र, खरी बुद्धि और विवेक की रक्षा कर; ये बातें तेरी दृष्टि से ओझल न हों।"– नीतिवचन ३:२१
कितना अच्छा होता अगर हर बड़ा फ़ैसला स्वर्ग से एक साफ़ चिट्ठी के साथ आता? लेकिन, ज़्यादातर ऐसा नहीं होता हैं। ख़ुदा एक हुकूम पालनेवाला रोबोट नहीं चाहता हैं, लेकिन वह आपके साथ एक मोहब्बत भरा रिश्ता निभाना चाहता हैं, जहाँ आप अपनी ज़िंदगी के हर पहलू में उसे शामिल करने का फ़ैसला करें।
"मैं तुझे बुद्धि दूँगा और जिस मार्ग पर तुझे चलना है उस पर तेरी अगुवाई करूँगा; मैं तुझ पर अपनी कृपादृष्टि रखते हुए तुझे सम्मति दूँगा। घोड़े और खच्चर के समान न बनो जिनमें समझ नहीं होती; उन्हें लगाम और बाग से वश में किया जाता है, नहीं तो वे तेरे वश में नहीं आएँगे।"– भजन संहिता ३२:८-९
जब हम ख़ुदा की तलाश में निकलते हैं, तब बुद्धि हमें हासिल होती हैं
आज ख़ुदा से दुआ करें, कि वह आपको बुद्धि से भरें और आपको यक़ीन रखने में मदद करें, कि उसने उसकी मर्ज़ी को पहचानने के लिए आपको आम अकल दि है!
"पर यदि तुम में से किसी को बुद्धि की घटी हो तो परमेश्वर से माँगे, जो बिना उलाहना दिए सब को उदारता से देता है, और उसको दी जाएगी।"– याकूब १:५

