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Publication date 9 जुल. 2025

आपको बुलाने वाला वफ़ादार है और वो इसे पूरा करेगा - १ थिस्सलुनीकियों ५:२४

Publication date 9 जुल. 2025

क्या आपने कभी असल में ख़ामोशी को महसूस किया है? एक ऐसा पल जहाँ कोई आवाज़ ही न हो?? बिलकुल सन्नाटा?

जब मैं मुंबई में रहती थी, तो कभी भी ख़ामोशी का माहौल नहीं होता था। हमेशा पंखे की आवाज़, पुराने विंडो ए.सी. की गड़गड़ाहट की आवाज़, दूर से गाड़ियों के हॉर्न का आवाज़, सड़क पर कुत्तों का भौंकना - हर तरह की आवाज़ें होती रहती थीं। जब कोई शांत जगह जाता हूँ, जैसे की कोई छोटे शहर या अपने देश, तो ख़ामोशी से मेरे कान गूंजने लगते हैं। मुझे वह असल में ख़ामोशी सुनाई देने लगती है।👂🏼

अजीब है ना? 🤪

हमारे आध्यात्मिक कान भी इसी तरह गूंज सकते हैं। हम शोर के लिए इतना तरस जाते हैं कि उसकी लत लग जाती है और हम हमेशा अपने दिमाग़ को व्यस्त रखने के लिए कुछ न कुछ ढूंढते रहते हैं - सोशल मीडिया पर बेवज़ह स्क्रोल करना, बिना सोचे समझे नेटफ्लिक्स देखना, या खुद को अकेलेपन से बचाने के लिए हमेशा लोगों से घिरे रहना।

जब आप तन्हाई और ख़ामोशी का अभ्यास करना शुरू करते हैं, तो यह अजीब लग सकता है, जैसे कि आपकी आत्मा में एक अलग सा शोर हो रहा हैं। जब आप मन को शांत करते हैं, तब आपके ख्याल तेज़ हो जाते हैं क्योंकि वे चारों ओर के शोर से अब घिरे नहीं हैं। यह ख़ामोशी थोड़ी अज़ीब लग सकती है; क्योंकि कई सालों से आपको हर तरह के शोर की आदत लग गई थी।

“चुप हो जाओ, और जान लो कि मैं ही परमेश्‍वर हूँ।

आप एक चमत्कार हैं।

Jenny Mendes
Author

Purpose-driven voice, creator and storyteller with a passion for discipleship and a deep love for Jesus and India.