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Publication date 13 जून 2025

ऐ ख़ुदा, मेरे बारे में तेरे ख़यालात कितने अज़ीम हैं – भजन संहिता १३९:१७

Publication date 13 जून 2025

माँ-बाप होने की सबसे बड़ी चुनौती ये होती है — ख़ासकर छोटे बच्चों के साथ — कि वो कैसे अपने बच्चों और बाक़ी ज़िम्मेदारियों, जैसे नौकरी या घर के कामों के बीच अपना ध्यान बाँटें।

अफ़सोस की बात ये है कि हम अपने आप को दो (या दस) हिस्सों में नहीं बाँट सकते और इसी वजह से, कई बार जब बच्चों को हमारा ध्यान चाहिए होता है, तो हम व्यस्त या ग़ैर-हाज़िर रहते हैं। ये ज़िंदगी की हकीक़त है, लेकिन इसका बच्चों पर गहरा असर हो सकता है। जब बच्चे ऐसे माँ-बाप के साथ बढतें हैं, तो एक बेआवाज़ पैग़ाम दिल में घर कर लेता है: “शायद मेरी अहमियत ही नहीं हैं” या “शायद मेरे वक़्त के लायक नहीं है।”

क्या आपने कभी सोचा है: “मेरी छोटी मुश्किलें ख़ुदा के लिए मायने नहीं रखती हैं” या “बड़ी चीज़ों के लिए ही दुआ करनी चाहिए, जज़्बात बाँटने के लिए नहीं” या “दूसरों की ज़रूरतें मेरी ज़रूरतों से ज़्यादा अहम हैं” क्या ये हो सकता हैं कि आपने बचपन से लेकर अभी तक़, एक व्यस्त और गैर-मौजूद पिता को देखा हैं?

अगर हाँ, तो मेरे पास आपके लिए एक अच्छी ख़बर है — आपका आसमानी पिता कभी भी इतना मशगुल नहीं है कि आपको नज़रअंदाज़ कर दे। आपकी छोटी से छोटी परेशानी भी उसकी नज़रों से ओझल नहीं होती। उसकी नज़र हमेशा आप पर ही हैं और वो हर वक़्त आपकी आवाज़ को सुनता है। वो आपके हर एहसास को महसूस करता है — यहाँ तक कि उन बातों को भी जो आपको ख़ुद छोटी सी लगती हैं।

*“मेरे पैदा होने से पहले ही तेरी नज़र मुझ पर थी । मेरी ज़िंदगी की शुरुआत से पहले ही तूने मेरे हर दिन और हर पल का हिसाब अपनी क़िताब में लिखा था। ऐ ख़ुदा, तेरे अनगिनत ख़्याल मेरे बारे में कितने अज़ीम हैं! भजन सहिंता १३९:१६-१७

अगर आपके माँ-बाप पूरी ध्यान देने वाले और मोहब्बत करने वाले थे, फिर भी उनकी मोहब्बत — अपने सबसे बेहतरीन रूप में भी — उस ख़ुदा की मोहब्बत की तुलना में कम पड़ जाती है।

दोस्त , अगर आपके सांसारिक पिता की गैर-मौजूदगी और व्यस्तता ने आपके दिल में कोई गहरा ज़ख़्म छोड़ा है, तो जान लीजिए — आप अकेले नहीं हैं। इस सच्चाई को अपनाते हुए, अपने सांसारिक पिता को दिल से माफ़ करें, और बेझिझक अपने आसमानी पिता की मोहब्बत भरी बाँहों में खुद को हवाले कर दें। वहीं से आपको वो सुकून, अपनापन और भरोसा मिलेगा जिसकी आपको सबसे ज़्यादा ज़रूरत है।

आप एक चमत्कार हैं।

Jenny Mendes
Author

Purpose-driven voice, creator and storyteller with a passion for discipleship and a deep love for Jesus and India.