ख़ुदा ने आपके आँसुओं को बोतल में जमा किया हैं – भजन संहिता ५६:८

आप अपने पिता के बारे में, क्या महसूस करते हैं?
इस हफ़्ते हम सांसारिक पिताओं की अलग-अलग क़िस्मों पर ग़ौर करेंगे — और ये समझने की कोशिश करेंगे कि उनके साथ हमारा रिश्ता, हमारे आसमानी पिता को देखने के नज़रिए को कैसे प्रभावित करता है। आज हम उस पिता के बारे में बात करेंगे जो बेमोहब्बत और जज़्बातों से दूर हैं।
ये कोई राज़ नहीं है कि बहुत से मर्द अपने जज़्बात को बयां करना मुश्किल समझते हैं — ख़ासकर उन समाजों में जहाँ मर्दों को एक ऊँचा दर्जा दिया जाता है और जहाँ 'मर्द को दर्द नहीं होता' जैसे बेबुनियाद रिवाजों को बढ़ावा दिया जाता है।
अकसर लड़कों को बचपन से ही, ये बातें सिखाई जाती हैं: "लड़के आँसू नहीं बहाते" या "असली मर्द कभी नहीं रोते।" ऐसे समाज, धीरे-धीरे उन पिताओं को जन्म देते हैं, जो अपने दिल की बातें, जज़्बात या मोहब्बत को ज़ाहिर नहीं कर पाते। कई बार ऐसे पिता, अपने बच्चों से मोहब्बत जताने में नाक़ाम रह जाते हैं। जब उनका बच्चा रोता है या किसी तकलीफ़ में होता है, तो उसे गले लगाने या तसल्ली देने के बजाय — वो अकसर खुदपर ख़ामोशी ओढ़ लेते हैं।
हो सकता है कि, आपके पिता भी ऐसे ही थे — वास्तव में मौजूद, लेकिन जज़्बात से काफ़ी दूर। ज़रूरतें पूरी करते थे, लेकिन आपको कभी गले नहीं लगाते थे। आपके जिस्म और दिल को मज़बूत बनाया, लेकिन नाज़ुक और बेहमला होना नहीं सिखाया।
बाइबल में कहीं नहीं लिखा हैं कि “मर्द रोते नहीं।” यह तो समाज का गढ़ा हुआ एक झूठा ख़्याल है, जो जज़्बातों को कमज़ोरी और एक नाज़ुक दिल को बेमर्दानी समझता है। आँसूओं के बारे में, ख़ुदा का कलाम यह कहता है:
*“ख़ुदा, तू मेरे हर दर्द से वाकिफ़ हैं। तूने मेरे आँसुओं को बोतल में जमा किया हैं और हर बूंदों का हिसाब रखा हैं।” – भजन संहिता ५६:८
ख़ुदा सिर्फ़ आपके आँसू नहीं देखता — वो उनका ख़्याल भी रखता है। वो आपके दर्द को महसूस करता है।फ्लॉयड मैकक्लंग ने अपनी क़िताब ‘द फादर हार्ट ऑफ गॉड’ में लिखा है::
“ख़ुदा की मोहब्बत, औरतों और मर्दों, दोनों के ज़ख़्मों को शिफ़ा देती है। एक पिता के तौर पर, वो हमारे दर्द को हमसे ज़्यादा महसूस करता है, क्योंकि तकलीफ़ के लिए उसकी समझ हमसे कहीं ज़्यादा है।”
अगर आपको कभी अपने पिता से रहम, अपनापन और तसल्ली नहीं मिली है, तो ख़ुदा को एक मोहब्बत-भरे और आपके हर जज़्बातों को समझने वाले पिता के रूप में देखना आपके लिए मुश्किल हो सकता है।
दोस्त , अगर आपके सांसारिक पिता की बेमोहब्बत ने आपके दिल में कोई गहरा ज़ख़्म छोड़ा है, तो जान लीजिए — आप अकेले नहीं हैं। इस सच्चाई को अपनाते हुए, अपने सांसारिक पिता को दिल से माफ़ करें, और बेझिझक अपने आसमानी पिता की मोहब्बत भरी बाँहों में खुद को हवाले कर दें। वहीं से आपको वो सुकून, अपनापन और भरोसा मिलेगा जिसकी आपको सबसे ज़्यादा ज़रूरत है।
(*इस प्रोत्साहन के कुछ आयत मेरे अल्फ़ाज़ और अंदाज़ में लिखे गए हैं)

