ख़ुदा अपने हाथो से नम्र इंसान को बुलंद करता है

मुझे अब भी याद है जब मैंने पहली बार जेनी का हाथ थामा था – वह एक गहरा, मीठा और दिल के क़रीब रहनेवाला लम्हा था। किसी का हाथ थामना बहुत व्यक्तिगत होता है और ऐसा हम उसी के साथ करते हैं जिनसे हम मोहब्बत और जिन पर ऐतबार करते हैं।
जैसे-जैसे हम यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि ख़ुदा कितने अनगिनत तरीक़ों से अपना हाथ हमारी ओर बढ़ाता है, मेरा सर सजदे में झुक जाता है और मेरा दिल इस सोच से भर जाता है कि जिस ख़ुदा ने पूरी क़ायनात को अपनी महक से सजा दिया, वह मुझे अपना अज़ीज़ और नज़दीकी साथी मानता है। यह एहसास अद्भुत है और मुझे हर पल उसकी क़रीबी और मोहब्बत महसूस होती है।
यही तो ख़ास बात है – जितना हम ख़ुदा की मोहब्बत, मेहरबानी और दरियादिली पर हैरान होते हैं, उतना ही हमारा दिल विनम्रता से भर जाता है।
“विनम्रता कोई ऐसा गुण नहीं है जिसे हम विकसित कर सकें; यह सिर्फ़ यीशु मसीह के साथ एक गहरे रिश्ते का स्वाभाविक परिणाम है।” – लुई गिग्लियो
ख़ुदा को विनम्रता बेहद पसंद है; ख़ुदा नम्र लोगों को बढ़ाता और ऊँचा उठाता है, यह बात बाइबल में कई जगहों पर लिखी है:
- “वरन् तुम सब के सब एक दूसरे की सेवा के लिये दीनता से कमर बाँधे रहो, क्योंकि “परमेश्वर अभिमानियों का विरोध करता है, परन्तु दीनों पर अनुग्रह करता है।” इसलिये परमेश्वर के बलवन्त हाथ के नीचे दीनता से रहो, जिस से वह तुम्हें उचित समय पर बढ़ाए।" – १ पतरस ५:५-६
- "जो तुम में बड़ा हो, वह तुम्हारा सेवक बने। जो कोई अपने आप को बड़ा बनाएगा, वह छोटा किया जाएगा : और जो कोई अपने आपको छोटा बनाएगा, वह बड़ा किया जाएगा।" – मत्ती २३:११-१२
- "प्रभु के सामने दीन बनो और वह तुम्हें ऊँचा उठाएगा।" – याक़ूब ४:१०
दोस्त , आज कुछ वक़्त निकालकर ख़ुदा की हुज़ूरी में सजदा करें।
"विनम्रता का मतलब, ख़ुद को तुच्छ समझना नहीं, बल्कि अपने आपको किसी से बढ़कर समझना नहीं है।" – सी. एस. लुईस
ख़ुदा का शुक्र अदा करो कि, वह नम्र को बुलंद करता है और वह सही वक़्त पर आपको भी बुलंद करेगा!

