ख़ुदा का हाथ दरियादिल है

एक सांसारिक पिता का हाथ, कई चीज़ें करता है: दिलासा देना, अनुशासन सिखाना, राह दिखाना, संभालना और हिफ़ाज़त करना। इस हफ़्ते हम ये सीख रहे हैं कि ख़ुदा का हाथ, यह सब कर सकता है और वह उससे भी ज़्यादा करने के क़ाबिल हैं।
आज, हम ख़ुदा के हाथ के एक और पहलू को जानेंगे—ख़ुदा का दरियादिल हाथ।
"तू अपनी मुट्ठी खोलकर, सब प्राणियों को आहार से तृप्त करता है।" - भजन संहिता १४५:१६I
जो कुछ भी ख़ुदा के हाथ से आता है, वो मुफ़्त, भरपूर और बेझिझक होता है। ख़ुदा कभी कंजूसी नहीं करता!
ज़रा सोचिए - चाहे उसने आसमान से मन्ना बरसाया हो (निर्गमन १६), सिर्फ़ पाँच रोटियों और दो मछलियों से, पाँच हज़ार लोगों को खिलाया हो (मत्ती १४), या फिर इलीशा को फ़रिश्तों की फ़ौज से घेर लिया हो (२ राजाओं ६) - ख़ुदा हमेशा ज़रूरत से ज़्यादा देता है।
ख़ुदा की मुट्ठी बंद नहीं, खुली हैं।
राजा दाऊद ने इस बात को अच्छी तरह समझा। १ इतिहास २९ में, जब वो मंदिर के लिए सामान जमा कर रहा था, तो उसने ये ऐलान किया:
"धन और महिमा तेरी ओर से मिलती हैं, और तू सभों के ऊपर प्रभुता करता है। सामर्थ्य और पराक्रम तेरे ही हाथ में हैं, और सब लोगों को बढ़ाना और बल देना तेरे हाथ में है।" - १ इतिहास २९:१२
अपने हुनर और क़ाबिलियत पर गर्व करने के बजाय, दाऊद ने ख़ुदा की अज़ीम दरियादिली की तारीफ़ की।
दाऊद ने एक ताक़तवर सच्चाई को जाना— जो कुछ हमारे पास हैं, वो ख़ुदा की अमानत हैं। हम सिर्फ उसके वफ़ादार देखभाल करने वाले हैं।
दोस्त , अगर कभी आपको ख़ुदा की प्रावधान पर शक़ हो, तो याद रखना—वो हमेशा वफ़ादार रहा है। आपकी ज़रूरतें, अपने मुक़म्मल वक़्त पर पूरी करने के लिए, उसका हाथ आज भी आपकी तरफ़ खुला है।
आज, मैं आपको न्योता देता हूँ कि, ख़ुदा की दरियादिली पर ग़ौर करें। चाहें किसी पर मेहरबान हो कर, या अपने साधनों को बाँटकर या किसी को हौसला देकर, इस हफ़्ते, किसी एक तरीक़े से, ख़ुदा के खुले हाथ को किसी और तक पहुँचाने की कोशिश करें।
आज आप किस तरीक़े से अपनी दिलदारी ज़ाहिर कर सकतें हैं? उसे लिखें और उस पर अमल करें!

