ख़ुदा के वादों को उसे याद दिलाओ और उसे भूलने न दो - यशायाह ६२:६

कॅमरॉन और मेरी शादी से पहले, किसी ने हमें एक ख़ूबसूरत जगह पर, हनीमून ट्रिप का वादा किया था। इस तोहफ़े से हम बहुत उत्साहित थे, मगर वक़्त गुज़रता गया और उन्होंने उस ट्रिप के बारे में न तो हमसे कुछ कहा और न ही अपना वादा पूरा किया। हम निराश तो थे, लेकिन हमने उस बात को जाने दिया। आख़िरकार, ऐसा तोहफ़ा मजबूरी से नहीं मगर दिल से आना चाहिए।
वादे, हमें उम्मीद और उत्साह से भर देते हैं, लेकिन जब वे पूरे नहीं होते, तो दिल टूट जाता है। ऐसे में किसी को उनके किये वादों की याद दिलाना भी कभी-कभी अजीब लग सकता है। 😣
मगर दोस्त , आपको कभी भी ख़ुदा को, उसके वादों की, याद दिलाने में अजीब महसूस करने की ज़रूरत नहीं है! बल्कि, बाइबल तो हमें यही करने के लिए बढ़ावा देती है।
"हे यरूशलेम, मैं ने तेरी शहरपनाह पर पहरुए बैठाए हैं; वे दिन रात कभी चुप न रहेंगे। हे यहोवा को स्मरण करनेवालो, चुप न रहो, और जब तक वह यरूशलेम को स्थिर करके उसकी प्रशंसा पृथ्वी पर न फैला दे, तब तक उसे भी चैन न लेने दो।" – यशायाह ६२:६-७
बाइबल के दूसरे अनुवाद में लिखा है, ख़ुदा के वादों को उसे याद दिलाओ और उसे भूलने न दो।
आज, इस सीरीज़ के आख़री दिन, मैं आपको ख़ुदा के कुछ ऐसे अनमोल वादों की एक सूची देना चाहती हूँ जिन्हें आप न सिर्फ़ ख़ुदा को याद दिला सकते हैं, बल्कि अपने दिल को भी बार-बार इनकी सच्चाई से तसल्ली दे सकते हैं। :
- आपको बुद्धि और समझ की ज़रूरत हैं? ख़ुदा से माँगो: याक़ूब १:५
- आपको ख़ुदा की मदद की ज़रूरत है? ख़ुदा पर निर्भर रहों: फ़िलिप्पियों ४:१९।
- आपको माफ़ी की ज़रूरत हैं? १ यूहन्ना १:९ यक़ीन दिलाता है कि आपको माफ़ी मिल चुकी है।
- आपको सुकून या सब्र चाहिए? गलातियों ५:२२-२३ दिखाता है कि यह कैसे हासिल होता है।
- आपको चंगाई की ज़रूरत हैं? ख़ुदा ने आपको चंगाई देने का वादा किया है: यिर्मयाह ३०:१७
- क्या आपको ऐसा महसूस हो रहा हैं कि आप ख़तरे में हैं? ख़ुदा आपसे हिफ़ाज़त का वादा करता है: भजन संहिता ९१:१०
- आपको डर लग रहा है? ख़ुदा छुटकारा देने का वादा करता है: भजन संहिता ३४:४
- आपको तसल्ली चाहिए? प्रकाशितवाक्य २१:४ ख़ुदा आपका मज़बूत सहारा है।
दोस्त , वो, वादा निभानेवाला ख़ुदा है। वो वादें, जो हमे ज़िंदगी, सुकून और जित दिलातें हैं!
*"जिसने वादा किया है, वो न सिर्फ़ वफ़ादार है, बल्कि उसे पूरा करने की क़ामिलियत और ताक़त भी रखता है—उसका हर लफ़्ज़ सच्चा, भरोसेमंद और अटल है।" – रोमियों ४:२१
(*इस प्रोत्साहन के कुछ आयत मेरे अल्फ़ाज़ और अंदाज़ में लिखे गए हैं)

