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Publication date 31 मई 2025

शक़ या मायूसी , ख़ुदा के वादों को मुक़म्मल होने से रोक नहीं सकते

Publication date 31 मई 2025

आज इस सीरीज़ को जारी रखते हुए, मैं आपसे एक सवाल पूछना चाहती हूँ:

जब ख़ुदा से कोई वादा मिलता है, तो आपका जवाब क्या होता है?

जब आप बाइबल में ख़ुदा के वादों को पढ़ते हैं, या जब वो आपसे दुआ, उपदेश, या किसी और के ज़रिए हमकलाम होता है, तो आपका दिल किस तरह महसूस करता है?

क्या आप ख़ुशी या बेचैनी महसूस करते हैं? क्या आपका दिल ईमान से मज़बूत होता है या ज़हन में शक़ पैदा होता है?

ख़ुदा के वादे हमें हौसला, तसल्ली और ताक़त बख़्शने के लिए होते हैं, मगर कई बार हमारे मौजूदा हालात ऐसे होते हैं कि, ये वादे हमें तसल्ली देने के बजाय, उलझन या अनजान एहसास में डाल सकते हैं - ख़ास तौर पर जब मुश्किलें नामुमकिन लगने लगती हैं।

अकसर लोग मुझे मेसेज भेजतें थे: “ख़ुदा ने मुझसे कहा है कि वो आपके बेटे को पूरी तरह से शिफ़ा देगा!” मेरी भी दिली-तमन्ना यही थी, लेकिन अगर मैं ईमानदारी से कहूँ, तो ऐसे वादों को सुनकर मेरा ख़ुदा से पहला सवाल ये होता था: “ये कब होगा? और कितना इंतज़ार करना पड़ेगा?

एक माँ बनने की सारी उम्मीदों को सारा ने दिल में दफ़ना दीया था। ख़ुदा ने उसे और उसके पति, अब्राहम को वंश देने का वादा तो किया था, मगर दिन गुज़रते गए, फिर महीने और फिर साल। वक़्त के साथ-साथ, सारा की सारी उम्मीदें और ईमान भी कमज़ोर होने लगा था। फिर वो दिन आया जब ख़ुदा ने अब्राहम से कहा: “मैं निश्‍चय ही तेरे पास वसन्‍त ऋतु में वापस आऊंगा और तेरी पत्‍नी सारा को पुत्र उत्‍पन्न होगा।” (उत्पत्ति १८:१०)

सारा, जो मायूसी और बेचैनी से भरी हुई थी, अपने दिल में हँस पड़ी और वह अपने मन में हंसकर बोली, ‘मैं बूढ़ी हो गयी हूँ। मेरे स्‍वामी वृद्ध हैं। क्‍या इसके पश्‍चात् भी मुझे सहवास का आनन्‍द प्राप्‍त होगा?" (उत्पत्ति १८:१२)

दोस्त , शक़, मायूसी, नाउम्मीद और बेयक़ीनी के बावजूद, सारा की ज़िंदगी में, ख़ुदा का वादा मुक़म्मल हुआ!

एक साल बाद, इसहाक पैदा हुआ। ‘इसहाक’ का मतलब हैं “हँसी” या “वो हँसता है”? इस बात पर ग़ौर करें की ख़ुदा के वादे पर बेयक़ीनी से हँसने वाली सिर्फ़ सारा ही नहीं थी, बल्कि अब्राहम भी हँसा था! (उत्पत्ति १७:१७)

ख़ुदा के वादों को मुक़म्मल होने से कोई भी रोक नहीं सकता - न ही आपका शक़, मायूसी, नाउम्मीद या बेयक़ीनी! 

ख़ुदा के वादों का पूरा होना, आपकी ज़िम्मेदारी नहीं, बल्कि यीशु मसीह की है!

आप एक चमत्कार हैं।

Jenny Mendes
Author

Purpose-driven voice, creator and storyteller with a passion for discipleship and a deep love for Jesus and India.